फिजियोथेरेपिस्ट की भागीदारी के बिना कोई भी आर्थोपेडिक उपचार अधूरा रहता है- डॉ. नीलेष मिश्रा

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रांची : मेदांता रांची अस्पताल में विश्व फिजियोथेरेपी डे पर एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें डॉक्टरों ने फिजियोथेरेपी की अहमियत पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे फिजियोथेरेपी आज के वक्त की जरूरत है। शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए या फिर शरीर के दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर अक्सर फिजियोथेरेपी करवाने की सलाह देते हैं। फिजियोथेरेपी करने से कई तरह की शारीरिक समस्याएं दूर होती हैं। कई बार शारीरिक दर्द होने पर डॉक्टर दवाइ के बजाय फिजियोथेरेपी करवाने की सलाह देते हैं। यह एक तरह की थेरेपी है, जो मेडिकल साइंस का ही हिस्सा है। ऐसे में लोगों के बीच फिजियोथेरेपी के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल विश्व फिजियोथेरेपी दिवस 8 सितंबर को मनाया जाता है। मेदांता रांची के ऑर्थोपेडिक डॉक्टर नीलेश मिश्रा ने बताया कि फिजियोथेरेपिस्ट आर्थोपेडिक्स का एक जरूरी भाग है और फिजियोथेरेपिस्ट की भागीदारी के बिना कोई भी आर्थोपेडिक उपचार अधूरा रहता है। एक स्पोर्ट्स सर्जन होने के नाते विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर पूरे फिजियोथेरेपी समुदाय को बधाई देना चाहता हूं। यह थेरेपी ऑस्टियो, घुटने के दर्द, पार्किसंस जैसे रोग में काफी मददगार साबित होती है। मेदांता रांची के न्यूरो सर्जन डॉ. आनंद कुमार झा ने कहा कि पोस्ट न्यूरो सर्जरी के बाद हम मरीजों को फिजियोथेरेपी लेने की सलाह देते। यह बहुत मददगार साबित होता है। उन्होंने बताया कि फिजियोथेरेपी एक्सरसाइज की मदद से सिर्फ हड्डी व जोड़ों के मरीजों को ही निजात नहीं मिलता बल्कि अन्य मरीजों की जिंदगी भी बेहतर होती है।
मेदांता रांची अस्पताल के डायरेक्टर विश्वजीत कुमार ने कहा कि फिजियोथेरेपी चोट, बीमारी और विकारों का एक बेहतर उपचार है। फ्रैक्चर या सर्जरी होने के बाद, अक्सर दर्द की समस्या देखने को मिलती है। इन समस्याओं को ही ध्यान में रखते हुए फिजियोथेरेपी का सुझाव दिया जाता है।

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