रांची वासियों के लिए खुशखबरी, शुरू हुई सेंटर फॉर साइट की वर्ल्ड क्लास आई केयर सेवा

Spread the love

रांची : आंखों की देखभाल के मामले में सबसे विश्वसनीय नाम सेंटर फॉर साइट की सेवाए अब रांची में मिलेंगी. शानदार टेक्नोलॉजी और भरोसेमंद डॉक्टरों की टीम वाले सेंटर फॉर साइट ने रांची में अपना वर्ल्ड क्लास आई केयर सेंटर शुरू कर दिया है. इस सेंटर के शुरू होने से रांची व आसपास के लोगों को बेहतर आई केयर मिलेगी और उन्हें इसके लिए दूसरे शहरों की तरफ नहीं जाना पड़ेगा,
इस सेंटर के शुभारंभ के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन पहुंचे, राज्यपाल के अलावा कार्यक्रम में कई अन्य नामी-गिरामी लोगों की उपस्थिति रही. झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने रांची में सेंटर फॉर साइट के सेंटर का स्वागत किया और अस्पताल की तकनीक, विशेषज्ञता और मरीजों के लिए उपलब्ध शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर की सराहना की. राज्यपाल ने कहा कि ये तमाम चीजें सेंटर फॉर साइट को वन स्टॉप आई केयर डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करती हैं. उन्होंने अस्पताल के उद्घाटन के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जो रांची में आई केयर के एक नए युग का प्रतीक है जिससे इस क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण और सस्ती आई केयर मिलेगी.
अंधेपन की जिन समस्याओं को ठीक किया जा सकता है उनमें मोतियाबिंद, रिफ्रेक्टिव एरर ग्लूकोमा और डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसी कंडीशन शामिल हैं. अच्छी बात ये है कि इनमें से कई बीमारियां न सिर्फ इलाज योग्य हैं बल्कि समय पर हस्तक्षेप और सार्वजनिक जागरूकता के जरिए इन्हें रोका भी जा सकता है. उदाहरण के लिए,

मोतियाबिंद को सर्जरी से ठीक किया जा सकता है और आंखों की रोशनी को रोबोटिक, ब्लेड लेस, लेजर तकनीक और प्रीमियम इंट्रा- ओकुलर लेंस का उपयोग करके वापस पाया जा सकता है, फिर भी, भारत में लाखों लोग इस समस्या से ग्रसित हैं. ऐसा अक्सर स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच की कमी या उपलब्ध इलाज के बारे में जागरूकता की कमी के कारण होता है.
सेंटर फॉर साइट ग्रुप ऑफ आई हॉस्पिटल्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर महिपाल सिंह सचदेव ने भारत के हर कोने में सस्ती विश्व स्तरीय नेत्र देखभाल लाने के मिशन पर जोर दिया, क्योंकि दुनिया की एक तिहाई दृष्टिहीन आबादी भारत में रहती है. डॉक्टर महिपाल ने कहा कि सभी लोगों के लिए नेत्र स्वास्थ्य के प्रति हमारा विश्वास और समर्पण सेंटर फॉर साइट को रांची लाने में सहायक रहा है.
इस अवसर पर डॉक्टर महिपाल ने सिल्क प्रक्रिया के बारे में भी बताया. स्मूद इंसाइजन लेटिक्यूल केराटोमिलेसिस यानी सिल्क प्रक्रिया ने मायोपिया मरीजों को उम्मीद की नई किरण दी है. इस प्रक्रिया की मदद से लोगों को बिना ग्लास और कॉन्टेक्ट लेंस के अच्छा विजन पाने में मदद मिली है. यह गर्व की बात है कि भारतीय नेत्र रोग विशेषज्ञों ने इस लेटेस्ट तकनीक के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जो अब पूरे भारत के चुनिंदा केंद्रों पर उपलब्ध है.
रांची में सेंटर फॉर साइट ग्रुप ऑफ आई हॉस्पिटल्स के इस सेंटर के शुरू होने पर डॉक्टर समीर कुमार, डॉक्टर जूही गर्ग और डॉक्टर रवीश कुमार जेनिथ ने खुशी जताई और रांची व आसपास के लोगों को बेहतर आई कैंपर मुहैया कराने की प्रतिबद्धता जताई.


भारत के 30 से अधिक शहरों में सेंटर फॉर साइट 75 से ज्यादा जगह मौजूद रहे. अब सेंटर फॉर साइट आई केपर को रांची में भी ले आया है. इस सेंटर में एक ही छत के नीचे मोतियाबिंद के एडवास ट्रीटमेंट से लेकर ग्लूकोमा के इलाज तक और सर्जरी की भी सुविधा है. इसके अलावा सेंटर स्थानीय लोगों के लिए नेत्र जांच कैंप भी आयोजित करेगा और एक ऑप्टिकल विंग, सीएफएस विजन का आयोजन करेगा जिसकी मदद से लोगों को कंप्लीट आई सॉल्यूशन दिया जाएगा.
अत्याधुनिक तकनीक से लेस सेंटर विश्व स्तरीय नेत्र देखभाल सेवाएं प्रदान करता है. फेको इमल्सीफिकेशन (फेको) के साथ एडवांस माइक्रो-इंसीजन मोतियाबिंद सर्जरी (एमआईसीएस) के बाद ट्रायफोकल, मल्टीफोकल, टोरिक, ईडीओएफ और एडवांस डिजाइन इंट्रा ऑकुलर लेंस (आईओएल) जैसे लेंस का प्रत्यारोपण किया जाता है. ये प्रक्रिया बिना टांके, बिना ब्लड लॉस और पेन लैस होती है जिसमें तुरंत राहत मिलती है और इससे ऑपरेशन के बाद रिकवरी सुनिश्चित होती है.
सेंटर फॉर साइट आई ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स आई केयर के क्षेत्र में रिसर्च और इनोवेशन में लगातार जुटा रहता है. नेत्र विज्ञान में ज्ञान को आगे बढ़ाने की उनकी प्रतिबद्धता से नई सर्जिकल तकनीकों, उपचारों और प्रौद्योगिकियों का विकास हुआ है, जिससे दुनिया भर में रोगियों को फायदा मिला है. 10,000 वर्ग फुट में फैले इस सेंटर में पांच कंसल्टेशन रूम और अत्याधुनिक मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर हैं, जिनकी मदद से अच्छी और तकनीकी रूप से एडवांस आई केयर मिलती है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *