रांची : 35 वर्षीय महिला के पेट में बार-बार तीव्र गंभीर दर्द हो रहा था। मरीज़ की पीड़ा से परेशान उसके परिजनों ने आपातकालीन स्थिति में पारस एचईसी अस्पताल में भर्ती किया। पारस अस्पताल के डॉ चंदन ने मरीज़ की गंभीर स्थिति का अवलोकन किया और एमआरसीपी जाँच करने के बाद आशंका जताया की मरीज़ के पित्त नली में मरा हुआ कीड़ा है ( जिसे आम भाषा में जोंक भी कह सकते हैं)। बीमारी की जटिलता को देखते हुए डॉ चंदन ने मरीज़ के परिजनों को इसके बारे में बताया और उनकी स्वीकृति के बाद ईआरसीपी सर्जरी शुरू की। इस दौरान मरीज़ के पित्त नली से चार मृत सड़े कीड़े निकाले गए । मरीज का फॉलो-अप किया जा रहा है और सर्जरी के बाद वह बिल्कुल ठीक है। पारस एचईसी अस्पताल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, विभाग के डॉ. चंदन ने बीमारी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि “डेड बिलीरी एस्कारियासिस” एक दुर्लभ बीमारी है जिसे “डेथ डांसर” भी कहा जाता है। यदि इसके लक्षणों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन नहीं किया जाता है, तो यह एक अनजानी मृत्यु का कारण भी बन सकता है। कोई भी मरीज़ यदि लंबे समय तक “मृत पित्त एस्कारियासिस” (डेथ डांसर) का शिकार रहता है तो उस मरीज़ का यकृत/लिवर धीरे धीरे काम करना बंद कर देता है और यदि प्रारंभिक चरण में ही इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो यह कोलेंज़ाइटिस का रूप लेते हुए उच्च मृत्यु दर का कारण बन सकती है।
पारस अस्पताल के फैसिलिटी डायरेक्टर डॉ नीतेश कुमार ने बताया की प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि पारस अस्पताल में किसी भी जटिल या दुर्लभ बीमारियों का समुचित इलाज उपलब्ध है। पारस का वर्षों का भरोसा और समर्पण ,मरीज़ों को उच्च स्तरीय सेवा देने में आगे बढ़ रहे हैं ।
पित्त नली में एस्कारियासिस बहुत ही दुर्लभ क़िस्म की बीमारी है। एक वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार “पित्त एस्कारियासिस” (पीत नली कीड़ा) मुख्य रूप से भारत में केवल कश्मीर में देखा जाता है। मेडिकल साहित्य में कश्मीर के अलावा यह बीमारी न के बराबर पाई गई है।