शनिवार को करम टोली धूमकड़िया स्थित में आदिवासी मूलवासियों की ईवीएम के विरोध में बैठक हुई। इस बैठक में ईवीएम हटाओ-लोकतंत्र बचाओ के साथ आदिवासी मूलवासी संगठनों ने सरकार एवं चुनाव आयोग से मांग की है कि देश तथा राज्यों में आने वाले सभी चुनाव मत पत्रों के जरिए ही कराए जाएं। इस मांग को लेकर जल्द चुनाव आयोग को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा।
आदिवासी मूलवासियों संगठनों ने आम लोगों से अपील कर कहा है की हम सभी वोटरों को इस मशीन के टेक्नोलॉजी की जानकारी नहीं है इसी कारण उनका विश्वास का हनन हो रहा है. आदिवासी मूलवासी संगठनों ने मांग ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है।
केन्द्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि ईवीएम के विरोध में 2 मार्च को सभी आदिवासी मूलवासी संगठनों को लेकर संध्या 4 बजे जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम से ईवीएम डमी बना कर अल्बर्ट एक्का चौक पर ईवीएम का दहन कर बापू वाटिका के पास जाकर कार्यक्रम को समापन किया जाऐगा।
वहीं अजय तिर्की ने कहा चुनाव मे हो रही धांधली के कारण संविधान और लोकतंत्र खतरे में है। यदि इसे गंभीरता से नहीं लिया गया तो आने वाला समय और भी कष्टकारक हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह मुहिम राजनैतिक नहीं, बल्कि देश को बचाने की है। इसमें सभी का सहयोग आवश्यक है। अभय लोहरा ने कहा कि सभी विपक्षी दलों, जनप्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों और गणमान्य नागरिकों से इस अभियान में सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया है।
प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि आज ईवीएम के चुनाव लोकतंत्र की हत्या है और जनता के अधिकारों पर सरकार पारदर्शिता का खत्म कर रही है ईवीएम पूरी दुनिया में कई देशों में बैन है बावजूद सरकार ईवीएम से चुनाव करा रही है।
मौके पर रानी कुंदरी, अरविंद मिश्रा,मुकेश मेहता, चन्दन सिंह, अब्दुल खलील, रज्जाक, राजेश लिण्डा, रुपचंद खेवट, अफताब, शिव टहल नायक, अमीत कच्छप , आकाश कच्छप, आशीष तिर्की लोग उपस्थित थे।