रांची। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा विधानसभा में जो बयान दिया गया, वह नीतीश कुमार की विक्षिप्तता की निशानी है। इस बयान के बाद भारत शर्मसार हुआ है। भारत का लोकतंत्र शर्मसार हुआ है। किसी राज्य का मुख्यमंत्री लोकतंत्र के मंदिर में बैठकर इस तरह की ओछी बयानबाजी करे, यह किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं हो सकता है। यह बयान बताता है कि नीतीश कुमार मानसिक रूप से विक्षिप्त हो चुके हैं और उन्हें बेहतर इलाज या काउंसलिंग की जरूरत है। मैं कहता हूं कि यदि उन्हें बेहतर इलाज और काउंसलिंग की आवश्यकता है, वह आराम से रांची आएं। यहां कांके में उनके उचित काउंसलिंग की व्यवस्था करवा दूंगा।
या फिर नीतीश कुमार इस बयान के आधार पर खुद को विक्षिप्त मान ले। राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन से संन्यास लेकर पश्चाताप करें।
सांसद श्री सेठ ने कहा कि नीतीश कुमार के इस बयान पर आईएनडीआई गठबंधन को भी अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए। झारखंड में गठबंधन की सरकार है। उनके नेताओं को बताना चाहिए कि नीतीश कुमार ने यह बयान आखिर किस आधार पर दिया। ऐसी क्या मजबूरी थी कि सदन में नीतीश कुमार को इतनी घटिया और नीच बातें करनी पड़ी। सांसद ने कहा कि और नहीं तो कम से कम नीतीश कुमार को सदन में बैठी महिलाओं की गरिमा का ख्याल करना चाहिए था। परंतु विक्षिप्तता में वह सब कुछ भूल गए। यह भारतीय लोकतंत्र के अध्याय का काला दिन है। इस देश की महिलाएं आईएनडीआई गठबंधन के घमंड को चूर-चूर करने का काम करेंगी।