भारतीय खाद्य निगम ने अपने गौरवशाली 60 साल पूरा किया

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रांची: भारतीय खाद्य निगम की स्थापना 14 जनवरी 1964 को हुई थी और इस वर्ष निगम अपने सुनहरे 60 वर्ष पूरे किए 14 जनवरी 2024 को मुख्यालय नई दिल्ली में सातवां स्थापना दिवस मनाया गया । इस समारोह में भारतीय खाद्य निगम के देश के प्रति समर्पित 60 साल को याद किया गया है । मौके पर केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय राज्य खाद्य मंत्री अश्विनी चौबे एवं केंद्रीय राज्य खाद मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े और संदेश और शुभकामनाएं दी। यह बातें प्रेस वार्ता में महाप्रबंधक मनोज कुमार, सहायक महाप्रबंधक देवेंद्र वैश्य, अभिषेक सिंह सहायक महाप्रबंधक ,आशीष कुमार उप महाप्रबंधक ने कही। उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम पिछले 60 वर्षों से लगातार देश सेवा में लगा हुआ है और सभी लाभार्थियों तक खदान पहुंचने का काम कर रहा है । इसी क्रम में कहा की झारखंड के लाभार्थियों तक खाद्यान्न संबंधित सारी सुविधाओं को पहुंचाने के लिए भारतीय खाद्य निगम झारखंड क्षेत्र में भी लगातार प्रयासरत है। एफसीआई झारखंड राज्य में 2023 में 10 . 73 एलएनटी चावल एवं 2.55 एलएमटी गेहूं निगम द्वारा झारखंड सरकार को निर्गत किया जा चुका है जिसमें करीब 2 करोड़ 64 लाख लाभार्थी इससे लाभान्वित हुए हैं। झारखंड को सालाना करीब 15 लाख टन खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए वर्तमान में 41 गोदाम के माध्यम से 4.08 लाख टन भंडारण क्षमता का उपयोग किया जा रहा है। पीडब्लूएस योजना के अंतर्गत 15000 टन एवं पीइजी योजना के अंतर्गत कुल 33000 टन भंडारण क्षमता बढ़ाया गया है। 2023 24 के दौरान 510 रेलवे रीकन के माध्यम से करीब 14 लाख टन खाद्यान्न तथा रोड ट्रांसपोर्टेशन के माध्यम से 90000 टन खाद्यान्न मनाया गया है। भारत आता ब्रांड के तहत भारत सरकार के निर्देश के अनुसार झारखंड राज्य में अर्ध सरकारी संस्था नेशनल क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी ने अब तक 1400 तन का उठाव भारतीय खाद्य निगम से किया है ,और उसे भारत आटा ब्रांड के तहत आम जनता को सीधे बिक्री किया जा सके एवं बाजार में उपलब्ध कराया जा रहा है। बाजार भाव कम और नियंत्रित किए जाने के लिए भारतीय खाद्य निगम द्वारा लगातार ओपन मार्केट सेल स्कीम के माध्यम से गेहूं और चावल लगातार बिक्री की जा रही है। भारतीय खाद्य निगम की कार्य प्रणाली भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने कृषि विकास को बढ़ावा देने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ देने और कीमतों को स्थिर करने में पिछले 60 वर्षों से लगातार काम कर रहा है।

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