सीपीआई (एम) ने केंद्र सरकार द्वारा विपक्षी राज्यों की आर्थिक नाकेबंदी के खिलाफ पुरे झारखंड में केरल एकजुटता दिवस आयोजित किया

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रांची : केंद्र द्वारा विपक्षी राज्यों की आर्थिक नाकेबंदी, केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग और देश के फेडरल चरित्र को दरकिनार कर विपक्ष शासित राज्यों में राज्यपालों की संविधान विरोधी भूमिका के खिलाफ आज सीपीआई (एम) के देशव्यापी आह्वान पर पुरे राज्य में केरल एकजुटता दिवस आयोजित किया. उल्लेखनीय है कि आज ही केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन समेत पुरा केरल मंत्रिपरिषद केंद्रीय सरकार द्वारा विपक्षी राज्य सरकारों से भेदभाव के खिलाफ संसद के समक्ष धरना देकर अपना विरोध प्रकट कर रहा है.
राजधानी रांची में सीपीआई (एम) ने राजभवन मार्च आयोजित कर केंद्र सरकार द्वारा केरल सरकार के खिलाफ आर्थिक नाकेबंदी और वहां के राज्यपाल की संविधान विरोधी भूमिका के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए माननीय राष्ट्रपति से इस मामले में हस्तक्षेप किए जाने की मांग करते हुए उनके नाम राजभवन को ज्ञापन सौंपा. राजभवन पर आयोजित विरोध सभा की अध्यक्षता पार्टी के राज्य कमिटी सदस्य सुरेश मुंडा ने की. सभा को संबोधित करते हुए पार्टी के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार विपक्ष मुक्त भारत के एजेंडे को लागू करने की साजिश के तहत संविधान को ताक पर रखकर राज्यपालों का गलत इस्तेमाल कर रही है. इसका ताजा उदाहरण केरल के राज्यपाल की शर्मनाक भूमिका में देखा जा सकता है वे राज्य विधानसभा से पारित जनहित के विधेयकों पर कूंडली मार कर बैठे हुए हैं और उसे राष्ट्रपति को नहीं भेज रहे हैं. जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी लोकतंत्र विरोधी रवैये को नोट करते हुए गंभीर टिप्पणी की है. उसी प्रकार केरल के हिस्से में आने वाली केंद्रीय टैक्स की राशि में जो केरल का वाजिब हक है उसमें 57 हजार करोड़ की कटौती कर दी है. उसी प्रकार शिक्षा, स्वास्थ्य, मनरेगा और केंद्रीय परियोजनाओं के लिए मिलने वाली राशि में भी काफी कमी कर दी गई है. ताकि केरल की वाम – जनवादी मोर्चा की सरकार को आर्थिक रूप से पंगू किया जा सके. सभा को पार्टी के जिला सचिव सुखनाथ लोहरा समेत, सुफल महतो, सुभाष हेम्ब्रम, प्रफुल्ल लिंडा, सीपीआई के अजय सिंह और भाकपा (माले) के विनोद लाहरी ने भी संबोधित किया. इसके पहले माकपा कार्यकर्ताओं ने शहीद चौक से जुलूस निकाला और नारे लगाते हुए राजभवन कूच किया. पार्टी के राज्य – केंद्र को मिली अबतक सूचना के अनुसार कई जिला मुख्यालयों में भी प्रदर्शन आयोजित कर उपायुक्तों के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपे गए.

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