डुमरी चुनाव को लेकर गरजे असदुद्दीन ओवैसी

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रांची: डुमरी उप चुनाव को लेकर एआइएमआइएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी बुधवार को डुमरी पहुंचे. पार्टी प्रत्याशी मो अब्दुल मोबिन रिजवी के समर्थन में केबी हाई स्कूल मैदान में लोगों से जनसमर्थन मांगा. इस दौरान हेमंत सरकार और भाजपा को भी निशाने पर लिया. कहा कि पिछले 19 सालों से यहां के वोटर एक ही उम्मीदवार पर भरोसा जताते आए. उसने और राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने इस इलाके में एक कारखाना तक नहीं लगा सके. नतीजा यह है कि यहां के नौजवान रोजगार के लिए पलायन को बेबस हैं. हेमंत सरकार में भी मॉब लिंचिंग की घटनाओं का जिक्र करते कहा कि राज्य सरकार एक भी मुस्लिम के लिंचिंग का शिकार नहीं होने पर झूठ बोलती रही है. इस सरकार में एक मुस्लिम मंत्री होने के बावजूद शमशाद अंसारी और अफलाख खां की हत्या हो गयी. ओवैसी ने कहा कि अगले 5 सितंबर को जब यहां के वोटर वोट देने जाएं तो अपने और अपने बच्चों के सुरक्षित भविष्य की खातिर रिजवी को विजयी बनाएं. मौके पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मो शाकिर साहब और अन्य भी उपस्थित थे. ओवैसी के मुताबिक हेमंत सोरेन सरकार मुस्लिमों की रक्षा, उनके विकास के मामले में ईमानदार नहीं है. वह केवल उनसे वोट लेना चाहती है. 2020- 21 के दौरान अल्पसंख्यक समाज के विकास के लिए झारखंड को 155 करोड़ रुपये केंद्र से मिले. इस पैसे से स्कूल, कॉलेज, अस्पताल बनाए जाते पर ऐसा हो नहीं सका. हेमंत सोरेन ने महज 5 करोड़ खर्च किए. पार्टी (झामुमो) विधायक सुदिव्य कुमार सोनू चेहरे पर दाढ़ी और सर पर टोपी रखने वाले को भेड़िया कहते हैं. इस बहाने से उन्होंने अपनी जुबान पर जहर होने का सबूत जरूर दे दिया है. अब मतदान के समय वोटर बताएंगे कि भेड़िया शिकार कैसे करता है. सरकार के एक मंत्री 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस के नाम पर मिठाईयां बंटवाते हैं. आखिर इस सरकार में क्या यही सेकुलरिज्म है. 2019-20 की अवधि में इस राज्य को मिनरल्स से 5165 करोड़ मिले. पर इससे भी अल्पसंख्यकों के कल्याण के नाम पर कुछ नहीं हुआ. उल्टे झामुमो और राज्य सरकार ओवैसी और उनकी पार्टी पर इल्जाम लगाएंगे कि हमारे कारण भाजपा को फायदा होगा.
ओवैसी ने जनसभा में डुमरी में 19 वर्षों से भय, डर की सत्ता के खिलाफ वोट की चोट करने की अपील की. कहा कि अब भी डुमरी में कई सवाल- हैं. झारखंड में भी सरकार में मुस्लिम मंत्री,
विधायकों के होने के बावजूद अल्पसंख्यकों की सुनवाई नहीं है. आखिर इस क्लास के बच्चे कहां पढ़ने जाएंगे. उनके गृह राज्य तेलंगाना में एक भी मुस्लिम मंत्री सरकार में नहीं है पर उनकी पार्टी की पहल पर एक लाख मुस्लिम बच्चे, बच्चियों के लिए स्कूल खुलवाए गये. चौथी से 12वीं जमात तक वे फ्री में पढ़ते हैं. सरकारी मेडिकल कॉलेज में भी इसका लाभ मिल रहा है.
यूसीसी (समान नागरिक संहिता) का विरोध करते ओवैसी ने कहा कि आदिवासियों, अल्पसंख्यकों, दलितों के गुलदस्ते से यह देश सजा है. ऐसे में उनकी आस्थाओं, मान्यताओं को दरकिनार करते देश भर में मोदी सरकार कैसे यूसीसी लागू कर सकेगी. संविधान में फंडामेंटल राइट भी इनके लिए है. इसे यूसीसी लाकर दरकिनार करना संभव नहीं. चौकीदार मोदी के रहते भाजपा शासित राज्य में एक मुस्लिम बच्चे को एक टीचर द्वारा पिटवाया जाता है. मोहब्बत की दुकान चलाने की बात करने वाले के झारखंड में हेमंत सरकार के होने के बावजूद अल्पसंख्यकों का मॉब लिंचिंग होता है. ऐसे में इस राज्य को तीसरे विकल्प की जरूरत है. डुमरी की जनता सियासी ताकत के लिए ऐसा विधायक चुने जो उनके बच्चों की तालीम, उनके जान की सलामती के लिए आवाज उठा सके.

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