एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य’ जैसे मूल भाव को आत्मसात् करते हुए समाप्त हुआ द क्रिएटिविटी कॉन्क्लेव

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रांची राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 समानता, गुणवत्ता, सामर्थ्य और जवाबदेही के मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित एक सुनहरे और समृद्ध भारत की रूपरेखा है। वहीं भारत की G-20 प्रेसिडेंसी शिखर वार्ता सम्मेलन ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ से जुड़ी ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ जैसे अमूल्य विचार को मूर्त रूप देकर एक समावेशी स्वच्छ, हरित और साझा वैश्विक भविष्य के साथ-साथ एक बेहतर पर्यावरणीय जीवन शैली अपनाने व बनाने के कृत संकल्पित होकर अग्रसर है।
इस श्रेष्ठ विचारों को छात्र-छात्रों में संपोषित कर उनमें नेतृत्त्व कौशल को
विकसित करने, एक आलोचक के रूप में प्रोत्साहित करने, वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा करने, सतत विकास के विचारों पर विचार-मंथन और राष्ट्रों के बीच सहयोग के महत्त्व को समझने के उद्देश्य से राँची सहोदया स्कूल काम्प्लेक्स समूह के तत्वावधान में ‘द क्रियेटिविटी कॉनक्लेव’ के अंतर्गत विभिन्न विद्यालयों में विगत चार दिन से चल रहे जी-20 प्रेसीडेंसी गतिविधि सप्ताह और एनईपी-2020 की तीसरी वर्षगाँठ समारोह का महा आयोजन समाप्त हो गया।
जवाहर विद्यामंदिर श्यामली के दयानंद प्रेक्षागृह में हुए भव्य समापन समारोह में मुख्य अतिथि आईआईएम, पुंदाग, राँची के निदेशक दीपक कुमार श्रीवास्तव, आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर सुचितांसु चटर्जी, जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के विद्यालय प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा, राँची सहोदया समूह के अध्यक्ष सह जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के प्राचार्य श्री समरजीत जाना, उपाध्यक्ष सह डीएवी गाँधी नगर के प्राचार्य एस० के० सिन्हा, सचिव सह टॉरिन वर्ल्ड स्कूल के प्राचार्य डॉ० सुभाष कुमार, कोषाध्यक्ष सह फिरायालाल पब्लिक स्कूल के प्राचार्य श्री नीरज कुमार सिन्हा एवं संयुक्त कोषाध्यक्ष सह लोयला कान्वेंट विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती पारोमिता साहा के कर कमलों द्वारा सामूहिक रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया जिसके साक्षी झारखंड के विभिन्न जिलों विद्यालयों से आए 40 प्राचार्य गण, 32 निर्णायक मंडली एवं 27 टीम के 200 विजेता प्रतिभागी बने।
सभी मुख्य अतिथि एवं आगंतुक प्राचार्यों को स्मृति चिह्न, बाल वृक्ष और अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस महा आयोजन में 10 अलग-अलग सीबीएसई स्कूल में 9 अलग-अलग कार्यक्रमों में राँची और उसके आसपास के 64 सीबीएसई स्कूलों के 1343 बच्चे से अधिक छात्रों की फैशन कॉसमॉस, क्विज़, परिधान, हाव-भाव व संभाषाण से महान विभूतियों के चरित्र को जीवंत करना, लोक नृत्य, नारा लेखन, जी-20 अवधारणा पर आधारित पेंटिंग, परिवर्तन फैशन शो, कम आग पर खाना पकाना, मेराकी, कला एकीकृत प्रदर्शनी, देशभक्ति एक्शन गीत जैसे प्रतियोगिता में शानदार भागीदारी देखी गई।
फैशन शो विथ साउंड साउंड स्केप के फैशन कॉसमॉस में कैम्ब्रियन पब्लिक स्कूल ने बाजी मारी, वहीं सुरेन्द्र नाथ सेंट्ररी स्कूल, और ब्रिजफोर्ड स्कूल द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहे। इस प्रतियोगिता की खास बात यह रही कि इसमें वाद्ययंत्र की सहायता लिए बिना, घरेलू उपकरणों से सुमधुर ध्वनि को गूंजायमान किया गया।
कक्षा 9वीं से 12वीं के छात्रों के बीच पर्यावरण अनुकूलन जीवन शैली पर आधारित क्विज़ में विवेकानंद विद्या मंदिर की टीम विजेता एवं नीरजा सहाय डीएवी, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर और होली चाइल्ड पब्लिक स्कूल की टीम उप विजेता बनी।
3 से 4 मिनट की डिक्लेमशन कॉम्पिटिशन में प्रतिभागियों ने अपने लिए चयनित प्रसिद्ध व्यक्तित्व जैसे महात्मा गाँधी, स्वामी विवेकानंद,जवाहरलाल नेहरू, मदर टेरेसा, अल्बर्ट आइंस्टीन,नेल्सन मंडेला,मलाला यूसुफजई, ग्रेटा थम्बर्ग, मार्गरेट थैचर आदि के अनुरूप ही वेशभूषा धारण कर उन्हीं के अंदाज में उन्हीं के व्यक्तव्य को अक्षरशः प्रस्तुति दी जिनमें जवाहर विद्या मंदिर की छात्रा कनिष्ठा बनर्जी, टेंडर हार्ट स्कूल की सान्या कुमारी प्रथम व द्वितीय तथा चिरंजीवी कांसेप्ट स्कूल के सान्वी प्रिया और ब्रिजफोर्ड स्कूल के छात्र तेजस सिन्हा संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहे।
वहीं लोक नृत्य-संगीत में भारत के विभिन्न राज्यों की विविध संस्कृति को परिलक्षित करती लोक-नृत्य प्रतियोगिता में टेंडर हार्ट स्कूल, कैम्ब्रियन पब्लिक स्कूल और जवाहर विद्या मंदिर की टीम क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहे।
पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने हेतु ‘प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्ति’ विषय पर स्लोगन लेखन तथा पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता में सुरेन्द्रनाथ सेंट्ररी स्कूल की इलीना प्रियांशा, चिरंजीवी कांसेप्ट स्कूल की आरोही रंजन तथा बृजफोर्ड पब्लिक स्कूल को ओजस्विता ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया।
कम ऊर्जा के खपत के सिद्धांत पर आधारित खाना बनाने की हेस्टी-टेस्टी प्रतियोगिता में साउथ पॉइंट स्कूल के छात्र शौर्य प्रताप और राजनंदनी ने लज़ीज़ व्यंजन बनाकर प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा सरला बिड़ला पब्लिक स्कूल और नीरजा सहाय डीएवी के छात्रों ने क्रमशः द्वितीय और तृतीय स्थान हासिल किया।
मेराकी प्रतियोगिता में विवेकानंद विद्या मंदिर, डीएवी पब्लिक स्कूल, हेहल और सुरेन्द्रनाथ सेन्ट्ररी स्कूल के छात्र पहले, दूसरे और तृतीय स्थान पर रहे।
शिक्षा में कला को समेकित करने के उद्देश्य से कला प्रदर्शनी प्रतियोगिता में ब्रिजफोर्ड स्कूल की उपासना और श्रेया सिंह ने प्रथम स्थान पर बाज़ी मारी वहीं डीएवी पब्लिक स्कूल, हेहल और सरला बिड़ला स्कूल की टीम क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
‘स्वरचित देशभक्ति गीत’ ‘सुर तरंग’ प्रतियोगिता में छात्रों ने बढ़-चढ़कर अपनी प्रस्तुति सुर-ताल एवं वाद्य यंत्रों से दी जिसमें ब्रिजफोर्ड पब्लिक स्कूल, एस०आर० डीएवी पब्लिक स्कूल, पुंदाग और सरला बिरला स्कूल की टीम ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे।
सभी विजेता टीमों ने अपने कार्यक्रम की सुंदर झलकियाँ पेश की जिसे देखकर दर्शक मंत्र मुग्ध हो गए। सभी विजेता प्रतिभागियों को मंच पर मैडल और प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
रांची सहोदया समूह के अध्यक्ष सह जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के प्राचार्य श्री समरजीत जाना ने अपने संबोधन में कहा कि ‘ वसुधैव कुटुंबकम् : एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य ‘ अनिवार्य रुप से सभी प्रकार के जीवन मूल्यों, मानव, पशु, पौधे एवं सूक्ष्म जीव, पृथ्वी एवं व्यापक ब्रह्मांड में अनेक परस्पर सम्बन्धों की पुष्टि करता है। आनेवाली पीढ़ी को हरित और सुरक्षित पृथ्वी सौंपना हम सबका कर्तव्य है। उन्होंने जी ट्वेंटी का अर्थ समझाते हुए यह बताया कि यह किस प्रकार छात्रों से जुड़ा और प्रासंगिक है। छात्रों में पर्यावरण संरक्षण के विचारों को संपोषित करने का सबसे अच्छा प्लेटफ़ॉर्म G-20 से बेहतर कोई नहीं हो सकता है।
सहोदया समूह के कोषाध्यक्ष सह फिरायालाल पब्लिक स्कूल के प्राचार्य श्री नीरज सिन्हा ने G-20 के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए, ओज़ोन परत का क्षय होना, असामयिक वर्षा, प्लास्टिक प्रदूषण पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि G-20 समिट को समझने के कई पैरामीटर हैं इसके लिए हमें स्थानीय तौर पर कार्य करने की आवश्यकता है और न्यू एजुकेशन पालिसी के तहत रोट लर्निंग की जगह वन विजन, वन मिशन, हैप्पी क्लासरूम ,हैप्पी टीचर्स जैसे सिद्धान्तों को आगे लाना है।
वहीं राँची सहोदया समूह के सचिव सह टॉरिन वर्ल्ड स्कूल के प्राचार्य डॉ० सुभाष कुमार ने कहा कि ओननेस अपने आप मे एक अनोखा शब्द है जो सबों को एकसाथ मिलजुलकर आगे ले जाता है । जी-20 का उद्देश्य भी किशोर छात्रों के मन में वसुधा के प्रति सम्मान और संरक्षण की दिशा में we win, we can, we must के सोच के साथ आगे बढ़ना है
विद्यालय प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष शl संजय कुमार सिन्हा ने कहा कि ग्लोबलाइजेशन के कारण भारत धीरे-धीरे विश्व का सबसे बड़ा बाजार के रूप में तब्दील हो चुका है। साथ ही नई तकनीक एवं मशीनीकरण के कारण कई बड़े बदलाव भी देखेने को मिल रहे हैं। जी-20 के मूल सिंद्धान्तों और अवधारणाओं को शिक्षा में प्रतिपादित करना निश्चय ही उल्लेखनीय कार्य है।
आईआईएम राँची के वाइस चांसलर दीपक श्रीवास्तव ने शिक्षा के क्षेत्र में राँची सहोदया समूह द्वारा किये जा रहे प्रयास की प्रशंसा की । उन्होंने क्रियेटिविटी और सस्टेनेबिलिटी पर वृहत् प्रकाश डालते हुए योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ने की बात कही। उन्होंने कहा कहा कि सृजनशीलता के प्रयोग के अभ्यास की आवश्यकता होती है। हमारे लिए जीतबक लक्ष्य यूनिक होना चाहिए तभी हम स्वस्थ मानसिक अवस्था में रहकर समस्या समाधान की अनंत संभावनाओं को खोज सकते हैं।
आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर सुचितांसु चटर्जी ने सभी प्राचार्यों, शिक्षकों, टीम के छात्रों को धन्यवाद दिया। उन्होंने जी 20 के ग्लोबल समस्या और चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा सृजनशील बनने के लिए प्रश्न करना आवश्यक है। हम क्या पढ़ रहे हैं और उसका क्या परिणाम होगा इसे समझना भी ज़रूरी है।
कार्यक्रम का सफल बनाने में विद्यालय परिवार, एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी शशांक सिन्हा, छात्र कल्याण के संकायाध्यक्ष अमित रॉय, विद्यालय कॉर्डिनेटर सुष्मिता मिश्रा, एनएसएस एवं एसआरसी के वॉलेंटियर्स की सक्रिय भूमिका रही। कार्यक्रम का समापन उपप्राचार्य एस०के० झा से हुआ।

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