अर्धनारी उपन्यास के लेखक ने सरकार के फैसले का स्वागत किया।

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झारखंड सरकार द्वारा किन्नर समाज को पिछड़ा वर्ग घोषित कर आरक्षण में लाभ व पेंशन देने की ऐतिहासिक पहल की उपन्यास अर्धनारी द पेन ऑफ ट्रांसवुमेंन के लेखक अधिवक्ता काफिलूर रहमान सराहना की है रहमान ने कहा कि किन्नरों को नारी का भी दर्ज़ा दिया जाना चाहिए ताकि वे भी हमारे समाज के साथ कंधे से कंधा मिला कर चल सके और देश समाज के विकास में अपना योगदान दे सके।आज किन्नरों की आबादी तेज़ी से बढ़ रही है ऐसे में उन्हें सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक रूप से शसक्तीकरण करने की जरूरत है।

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