राँची महाधर्मप्रान्त कैथोलिक महिला संघ के तत्वधान में आयोजित धर्मप्रान्त स्तरीय महिला प्रतिनिधियों का एक दिवसीय सेमिनार उर्सुलाइन कान्वेंट के सभागार में सम्पन्न हुआ। इस सेमिनार में राँची महाधर्मप्रांत के सभी पल्लियों से महिला प्रतिनधियों ने भाग लिया। सेमिनार में ुमख्य रूप से आध्यात्मिक, महिला सशक्तिकरण एवं उनकी जिम्मेदारियों पर चर्चा किया गया। संगोष्टी के प्रथम चरण में मिस्सा पूजा का अनुष्ठान किया गया जिसकी अगुवाई संत अलबर्टस कॉलेज के प्रोफेसर फादर प्रफुल बड़ा थे। उन्होंने प्रवचन संदेश में कहा, परिवार, समाज, देश तथा कलीसिया के उत्थान एवं विकास में महिलाओं का अहम योगदान होता है। महिलायें समान व सम्मान के हकदार हैं। महिलाओं को मुख्य धारा से जोड़ने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा देश की आधी आबादी महिलायें हैं उन्हें अवसर, समानता, सम्मान, न्याय मिल। उनकी शक्ति की पहचान हो। उन्हें शिक्षित होना पड़ेगा, अपने अधिकार का ज्ञान मिले।
दूसरे चरण में अधिवक्ता फादर महेन्दर पीटर तिग्गा एसजे एवं उनके सहयोगियों ने महिला होने का गौरव तथा परिवार, समाज एवं देश हित मे उनकी जिम्मेदारी संबंधी बातें कही। उन्होंने यह भी कहा एक महिला को बौद्धिक, आध्यत्मिक, नारी स्वालोबन, राजनीतिक दायित्व सामाजिक उत्थान में सक्रिय होने की जरूरत है। आदिवासी महिलाओं को अपनी भाषा, संस्कृति, परम्परा, अस्मिता और धरोहर को बचाये रखने में सहयोग करना चाहिये।
इस एक दिवसीय सेमिनार के सफल आयोजन में राँची महाधर्मप्रान्त कैथोलिक महिला संघ के समिति सदस्यों का अहम योगदान रहा। समिति अध्यक्ष श्रीमती लीली बरला संयुक्त सचिव
श्रद्धा बरला, मार्था टोप्पो, सुशीला तिग्गा, कारोलिना मिंज, फ्रांसिस्का खलखो, मेरी होनहगा, स्टेला सोयसहित अन्य सदस्यों ने पूर्ण सहयोग दिया।