कुरान अकेला एक किताब है जो दुनिया और आखिरत को कामयाब कर सकती है: मौलाना हुजैफा

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रांची : फातिमा एकेडमी गर्ल्स एंड बॉयज आवासीय स्कूल, फातिमा नगर ,इटकी ,रांची में पर्सनैलिटी डेवलपर एंड मोटिवेशनल स्पीकर सह इंग्लिश हाउस अकादमी के सीईओ मुनव्वर जमा और हजरत मौलाना हुजैफा वस्तानवी का तालीम और कुरान पर एक दिवसीय शिक्षा जागरूकता कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इस मौके पर बोलते हुए मुख्यातिथि मौलाना हुजैफा वस्तानवी ने कहा की उम्मत को कुरान से जोड़ा जाए। जब तक हर फर्द कुरान के साथ नहीं जुड़ेगा तब तक लोग परेशान रहेंगे और आगे तरक्की नहीं कर सकते। कुरान से ही लोग अपनी जिंदगी को बेहतरीन तरीके से कैसे गुजारे यह सीख सकते हैं । लेकिन आज का मुसलमान कुरान को छोड़ दिया है, ना आमल में है ना पैगाम फैला रहे हैं, इसलिए की पूरी दुनिया की उम्मत परेशान है। मुसलमान अगर अच्छी नियत के साथ कुरान पढ़े तो अल्लाह हमें कई चीजों से मालामाल कर देगा। झारखंड में पहली बार आए मोटीवेशनल स्पीकर मुनव्वर जमा ने कहा कि हमारी गुजारिश है कि दुनिया की हर चीज़ पढ़ाए, लेकिन कुरान भी अपने बच्चों को जरूर पढ़ाए। उन्होंने लोगों से अपील की की इल्म हासिल करें। मां बाप ने हर बच्चों को दुनिया का सबसे बड़ा गिफ्ट दिया है उन्हें पैदा किया, अब बच्चों की जिम्मेदारी है कि वह खुद से तरक्की करें। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता का दौर है इस प्रतियोगिता में आने के लिए आपको अपने लिए खूब मेहनत करना होगा। ऐसे बच्चे जो मां-बाप की उम्मीदों को पूरा नहीं कर रहे हैं वह एक तरह से साइलेंट किलर है। जो अपने बाप मां बाप को मार रहे हैं। उन्होंने सभी बेटियो से कहा कि अपनी नजर नीचे रखें बच्चियों की नजर नीचे होगी तो उनके माता पिता अपने नजर ऊपर उठाकर चल सकेंगे। उन्होंने लोगों से अपील की एक हाथ से किताब पकड़े और एक हाथ से टीचर को पकड़े तो वह कामयाब होगा। फातिमा गर्ल्स अकेडमी इटकी इल्म की रौशनी फैला रही है। इस रौशनी से फायदा उठाना चाहिए। एकेडमिक के प्रिंसिपल तबस्सुम फातिमा दिन रात बच्चियों के लिए मेहनत कर रही है। उनका इकलौता बेटा आज इस दुनिया में नही रहा, लेकिन अल्लाह ने इन्हे इतने बच्चे बच्चियों का गार्जियन बना दिया। आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत एकेडमिक के चेयरमैन मौलाना नसीम अनवर नदवी ने की। उन्हे शॉल, मोमेंटो, गुलदस्ता देकर सम्मानित किया। इस मौके पर शैखुल हदीस मुफ्ती नज़रे तौहीद, मौलाना मंजूर इटकी, मौलाना इलियास मजाहिरी, मौलाना नसीम अनवर नदवी, मौलाना अब्दुल वदूद नदवी, मौलाना नौशाद आलम, नेहाल अख्तर, हाजी मुस्तफा, सईद उज जमा, मौलाना टलहा नदवी, मौलाना अंसार नदवी, तबस्सुम फातिमा, हाजी ताहिर अहमद, मौलाना मुमताज नदवी, मौलाना अयूब, कारी अमीन, मोहम्मद शाकिर, मोहम्मद खुर्शीद, सदफ नसीम, हाजी अफजाल, इरशाद आलम, मुफ्ती इमरान नदवी, मो खुर्शीद, हाफिज सलामत, कारी जान मोहम्मद, हाफिज अशफाक, समेत रांची, हजारीबाग, चतरा, पलामू, गिरिडीह, इटकी, बलसोकरा, मदरसा चौक, मांडर, बालूमाथ आदि के गणमानिया लोग उपस्थित थे।

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