आइरिस आई केयर मे नेशनल सीएमइ का आयोजन

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रांची आईरिस आई केयर अस्पताल के छह वर्ष पूरे होने और स्थापना दिवस पर नेशनल सी. एम.ई का आयोजन किया गया है। यह एक प्रशिक्षण और अनुसंधान कार्यक्रम है, जिसमे कोलकाता, मुंबई एवं बैंगलोर के प्रतिष्ठित डॉक्टर एवं अनुभवी वक्ता अपना अनुभव स्थानीय डॉक्टरों एवं वक्ताओं के साथ साझा करेंगे जिससे झारखंड के लोगो की आंखों के क्षेत्र में और भी अच्छे से उपचार संभव हो सके और लाभ पहुंचे। आईरिस आई हॉस्पिटल ने अपना 6 साल का शोध डेटा भी प्रस्तुत किया जिसमें रेटिनोपैथी ऑफ प्रीमैच्योरिटी जो की प्रीमेच्योर बच्चों का आज तक का झारखंड का सबसे बड़ा डेटा है। आईरिस ऑय हॉस्पिटल ने रेटिना, मोतियाबिंद, काला मोतियाबिंद सहित आंखों के अन्य रोगों पर भी अपना अनुभव साझा किया जो कि ना सिर्फ आँखों के मरिज़ो का सस्ता और गुणवत्तापूर्ण इलाज ज कर रहे है बल्की वह मेडिकल एजुकेशन एवं रिसर्च पर भी काम कर र रहे है जो की झारखंड वासियों के लिए उपलब्धि है जिसका परिचय यह सी.एम. ई है। इस सी.एम. ई में विभिन्न तरह के के आंखों के रोगो की लाइव सर्जरी प्रस्तुत करते हुए विशेषज्ञ द्वारा इसपर चर्चा होगी। इन 6 वर्षों में आईरिस आई हॉस्पिटल ने रेटिना फेलोशिप, मोतियाबिंद फैलोशिप, इंटर्नशिप, ऑप्टोमेट्रि ट्रेनिंग प्रोग्राम भी शुरू किया गया है जिसके वजह से झारखंड के युवा डॉक्टर्स को अब बाहर जाने की जरूरत नहीं रही और झारखंड के विभिन्न स्थानों में निःशुल्क नेत्र जांच शिविर का आयोजन भी किया गया है। विगत 6 वर्षों में आईरिस के द्वारा 121339 ओपीडी, 7018 आईपीडी, 3622 कैटरेक्ट, 3037 रेटीना, 343 ऑक्युलोपेस्टी , 6 ग्लूकोमा और 10 कॉर्निया का सफलतापूर्वक सर्जरी हुआ। इसके अलावा पीडियाट्रिक ऑप्थल में 31 एलवीए , 30 ऑर्थूप्टिक्स , 42 विजन धेरेपी, 14 कॉन्टैक्ट लेंस, 3000 + रोप स्क्रीमिंग , 6 एंबलीओपिया , 50 निशुल्क (चैरिटी) के तहत और करीब 800 आयुष्मान योजना के तहत इलाज उपलब्ध किया है। मेनजिंग पार्टनर डॉ सुबोध कुमार सिंह के अनुसार आईरिस अस्पताल ने लगभग 2000 से ज्यादा मरीजों का इलाज किया है जो कि झारखंड, बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, एवं उत्तर प्रदेश के अन्य आंख के अस्पताल से आईरिस आई अस्पताल रेफर किए गए थे। यह डेटा झारखंड के मारिजो का संस्थान पर विश्वास और भरोसा दर्शता है यह प्रेस वार्ता का संबोधन कंसल्टेंट विट्रो रेटिना सर्जन एवं मेनजिंग पार्टनर डॉ सुबोध कुमार सिंह, श्री सिद्धांत जैन मैनेजिंग पार्टनर, मोतियाबिंद एवं रिफ्रैक्टिव सर्जन डॉ गोपाल सिंह, डॉ एम शीराज़ अली ग्लूकोमा कंसलटेंट, पीडियाट्रिक ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट सर्जन डॉ दीपिका सिंह एवं ओकुलोप्लास्टी, ऑन्कोलॉजिस्ट एवं स्किंट सर्जन डॉ गौतम लोकदर्शी, विट्रो रेटिना फेलो डॉ स्वर्णिम और डॉ नवनीत (रेटिना सर्जन) ने किया। डा सुबोध कुमार सिंह ने इस उपलब्धि पर संस्थान के सभी कर्मचारियों का धन्यवाद किया।

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