अधिकांश रोगो का कारण मन : डॉ. परिणीता सिंह

Spread the love

रांची : मानसिक स्वस्थ्य का मूल आधार मन है। शरीर स्थूल होने के कारण सरलता से समझ में आ जाता है, जबकि मन सूक्ष्म होने के कारण समझ से परे है । ज्यादातर रोग का कारण हमारा मन ही होता है। मन विचारो का समूह है, ये विचार द्वेषपूर्ण हो सकते हैं, दुखी हो सकते है, वासनायुक हो सकते है। आज के समय में मानव मन बहिर्मुखी ज्यादा होता जा रहा है जिस कारण बौद्धिक, मानसिक और भावनात्मक तनाव का लाला बढ़ता जा रहा है। योग एक विज्ञान के रूप में हमारे सामने है जिसके अभ्यास के द्वारा मनुष्य के अंदर असधारणाओं, भ्रम, दोष, क्रोध, माया को दूर कर सकते हैं।
मन एक गहरे हिमखंड की तरह है जिसका सिर्फ ऊपरी हिस्सा हमें दिखाई देता है जो सिर्फ विचार, भावना और वासना का बना होता है, जबकि अधिकांश हिस्सा समुद्र के अंदर है जो मन का सजग और चेतन भाग है। यह भाग सद्‌गुणो का भंडार है और इसी भाग का विश्लेषण आवश्यक है, जिसे ध्यान के द्वारा इस अचेतन मन को ऊपर लाया जा सकता है। जितना अचेतन मन व्यापक होगा, उतना ही अच्छा है। दबे हुए संस्कार बहिर्गत होंगे और मानव व्यक्तित्व प्रस्फुटित होगा ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *