राँची : झारखण्ड के प्रथम डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शिवाजी महान कैरे (1967 बैच) के आकस्मिक निधन पर झारखण्ड पुलिस मुख्यालय सभागार में शोकसभा का आयोजन किया गया।इसमें झारखण्ड पुलिस के सेवानिवृत एवं वर्तमान आईपीएस अधिकारियों ने उनके साथ अपने बिताये गये समय को सहकर्मियों के साथ साझा किया। इस मौके पर उपस्थित सभी पूर्व पुलिस पदाधिकारियों ने उनके साथ बिताये पलों को याद किया।इस दौरान वे भावुक हो गए।शिवाजी महान कैरे एक सर्वोत्कृष्ट पुलिस पदाधिकारी थे।आईपीएस एसोसिएशन झारखण्ड चैप्टर ने ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति और उनके परिवार को इस दुःख की घड़ी को सहने की शक्ति प्रदान करने की कामना की।
11 जून 1945 को उत्तर प्रदेश में जन्मे शिवाजी महान कैरे ने गणित विषय के साथ स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की थी। शिक्षा के क्षेत्र में विलक्षण प्रतिभा के कारण वर्ष 1967 में इनका चयन भारतीय पुलिस सेवा में हुआ था। उन्हें बिहार कैडर आवंटित किया गया था।झारखण्ड राज्य के स्थापना काल के दौरान इन्हें 12 नवंबर 2000 को झारखण्ड का प्रथम पुलिस महानिदेशक बनने का गौरव प्राप्त हुआ।
झारखण्ड के पहले डीजीपी शिवाजी महान कैरे कई पदों पर रहे।पुलिस महानिदेशक के बाद शिवाजी महान कैरे का ट्रांसफर महानिदेशक (निगरानी) के पद पर किया गया था,जहां ये नवम्बर 2002 तक कार्यरत रहे।उसके बाद इन्हें महानिदेशक सह महासमादेष्टा (गृह रक्षा वाहिनी) एवं अग्निशमन सेवा बनाया गया, जहां शिवाजी महान कैरे ने वर्ष 2004 तक अपनी कार्यकुशलता का परिचय दिया। वर्ष 2004 में झारखण्ड का महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक बनाया गया।