झारखंड हाईकोर्ट ने 3 हफ्ते के भीतर हेमंत सोरेन सरकार को नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने को कहा है। हाईकोर्ट में पार्षद रोशनी खलखो बनाम झारखंड सरकार के मामले में जस्टिस आनंदा सेन की अदालत में सुनवाई हुई। सरकार ने केस में विकास किशन राव बनाम महाराष्ट्र सरकार की रिट याचिका संख्या 980/2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय का स्पष्ट निर्देश है कि बिना ट्रिपल टेस्ट कराए निकाय/पंचायत चुनाव न कराए जाएं। यही वजह है कि अभी तक झारखंड में नगर निकाय चुनाव नहीं कराए जा सके हैं।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने क्या दलील दी झारखंड सरकार की दलील के प्रत्युत्तर में याचिकाकर्ता रोशनी खलखो के अधिवक्ता विनोद सिंह ने कहा कि सरकार न केवल 74वें संविधान संसोधन का उल्लंघन कर रही है बल्कि आधा- अधूरा जवाब देकर कोर्ट को भी गुमराह कर रही है। अधिवक्ता विनोद सिंह ने कहा कि सरकार चुनाव न कराने को लेकर विकास किशन राव गवली बनाम महाराष्ट्र सरकार वाले केस का जिक्र तो करती है लेकिन सुरेश महाजन बनाम मध्य प्रदेश सरकार की रिट याचिका संख्या 278/2022 का जिक्र नहीं करती जहां सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रिपल टेस्ट कराकर निकाय/पंचायत चुनाव कराना चाहिए लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि चुनाव कराए ही न जाएं। अधिवक्ता ने दलील दी कि किसी भी परिस्थिति में चुनाव नहीं कराना गलत है। सुप्रीम कोर्ट ने यह नहीं कहा है कि ट्रिपल टेस्ट के बिना चुनाव हो ही नहीं सकते। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि राज्य सरकार चुनाव कराने का आदेश जारी करती है तो कोई नहीं रोक सकता।