रांची: नवी मोहर्रम को हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सैयद फ़राज़ अब्बास और उनके घर वालो की उपस्तिथि में अनवर आर्केड में मजलिस ज़िक्र शहीदाने कर्बला का आयोजन किया गया। मजलिस में पेश खानी अशरफ हुसैन, कासिम अली, हाशिम अली ने किया। मजलिस को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड झारखंड के चेयरमैन व झारखंड राज्य हज समिति के सदस्य व मस्जिद जाफारिया रांची के इमाम व खतीब हजरत मौलाना हाजी सैयद तहजीबुल हसन रिजवी ने कहा कि इस्लाम तलवार से नहीं अच्छे किरदार से फैला है। आज के जमाने में लोग तकरीर को ही इस्लाम समझ लेते हैं, जबकि तकरीर इस्लाम नहीं है, किरदार इस्लाम हैं। आज जमाने में जिस तरीके से फूट डाली जा रही है और समाज को तोड़ने की साजिश की जा रही है ये यहूदी साजिश का नतीजा है। हजरत इमाम हुसैन कर्बला की जंग तलवार से नहीं किरदार से जीती है। जंगे कर्बला की रात वह कयामत कि रात है जब इमामे हुसैन के 72 साथियों ने इस्लाम को बचाने की खातिर शहादत देने को तैयार हैं। इस हौसले से हमें पता चलता है कि हक बात पर जान निछावर करना जिंदगी है। मजलिस के बाद मातमी जुलूस अनवर आर्केड से निकाला। जो अंजुमन प्लाजा, डॉक्टर फत्ताउल्लाह रोड, विक्रांत चौक होते हुए मस्जिद जाफरिया पहुंचकर संपन्न हुआ।
29 जुलाई 2023 को दिन के 1:30 बजे निकलेगा मातमी जुलूस। मोहर्रम के दसवीं पर मस्जिद जाफरिया से मातमी जुलूस 1:30 बजे निकलेगा जो चर्च रोड, डेली मार्केट, टैक्सी स्टैंड, अंजुमन प्लाजा, डॉक्टर फतुल्लाह रोड, विक्रांत चौक, कर्बला चौक होते हुए कर्बला में संपन्न होगा। डेली मार्केट और कर्बला चौक के पास खूनी मातम होगा।