‘नृत्य आत्मा की गहरी भावना और प्रेम को व्यक्त करने का एक आदर्श तरीका है।’ सरला बिरला पब्लिक स्कूल, रांची में छात्रों ने राजस्थानी लोक नृत्य का अद्भुत प्रदर्शन देखा। यह कार्यक्रम स्पिक्मेके (भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए काम करने वाली संस्था) द्वारा आयोजित किया गया था। इस मौके पर छात्रों को रौशन खान और उनके दल द्वारा कालबेलिया और भवई नृत्य का जीवंत प्रदर्शन देखने को मिला। यह नृत्य बेहद आकर्षक था और छात्रों को राजस्थान के प्रसिद्ध लोक नृत्य ‘कालबेलिया‘ और ‘भवई‘ के बारे में जानकारी मिली। साथ ही, उन्होंने इन नृत्यों में इस्तेमाल होने वाले संगीत वाद्ययंत्रों को भी जाना।
प्राचार्या श्रीमती परमजीत कौर ने छात्रों को हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर की अहमियत समझाई और इन नृत्य रूपों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया जो सतत विकास लक्ष्यों और जल संरक्षण पर केंद्रित हों।