सार्वजनिक अस्पतालों में निशुल्क लिंग परिवर्तन सर्जरी की अनुपलब्धता पर डीसीडब्ल्यू ने नोटिस कर जानकारी मांगी है। बताया जा रहा है कि यह नोटिस आयोग को प्राप्त एक शिकायत के बाद जारी किया गया है।
नयी दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में नयी बहस शुरू हो गयी है। दिल्ली महिला आयोग की ओर से जारी किये गये एक नोटिस के बाद लिंग परिवर्तन को लेकर जोरशोर से चर्चा हो रही है। दरअसल, यह नोटिस आयोग को भेजी गई एक शिकायत के बाद जारी किया गया है। इसमें सार्वजनिक अस्पतालों में नि:शुल्क लिंग परिवर्तन सर्जरी की सुविधा उपलब्ध नहीं होने पर सवाल खड़े किए गए हैं।
क्या है लिंग परिवर्तन सर्जरी को लेकर खड़ा हुआ नया विभाग:
दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने सार्वजनिक अस्पतालों में नि:शुल्क लिंग परिवर्तन सर्जरी की अनुपलब्धता पर राज्य और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया हैं। यह नोटिस आयोग ने राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल तथा राज्य और केंद्र सरकार को सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में लिंग परिवर्तन सर्जरी (एसआरएस)की अनुपलब्धता को भेजा है।
शिकायत को लेकर आयोग ने क्या दी जानकारी:
दिल्ली महिला आयोग ने इस बारे में आधिकारिक तौर पर बयान जारी कर जानकारी दी है। इसमें बताया गया है कि आयोग को एक ट्रांस महिला से आरएमएल अस्पताल में लिंग परिवर्तन सर्जरी (एसआरएस) की अनुपलब्धता की शिकायत मिली है।
शिकायतकर्ता के हवाले से आयोग ने दलील दी है कि ट्रांस महिला ने निशुल्क लिंग परिवर्तन सर्जरी के लिए अस्पताल का रुख किया। उसने कहा कि कि सरकारी अस्पतालों ने एसआरएस शुरू कर दी है लेकिन वह अस्पताल में यह सर्जरी नहीं करा सकीं।
दिल्ली सरकार के पत्र का दिया हवाला:
लिंग परिवर्तन की सर्जरी के संबंध में पिछले साल नवंबर में दिल्ली के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने एक परिपत्र जारी किया था। जिसमें डीसीडब्ल्यू द्वारा विभाग के समक्ष यह मुद्दा उठाए जाने के बाद प्लास्टिक सर्जन और बर्न और प्लास्टिक वार्ड वाले सभी सरकारी अस्पतालों को नि:शुल्क लिंग परिवर्तन सर्जरी करने का निर्देश दिया गया था। शिकायतकर्ता का आरोप हैं कि इस आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है।
आयोग में मांगी है यह जानकारी:
आयोग ने दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क लिंग परिवर्तन सर्जरी सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों का विवरण मांगा है। डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने अपने बयान में कहा है कि हमें दिल्ली के एक प्रमुख अस्पताल में लिंग परिवर्तन सर्जरी की अनुपलब्धता के बारे में शिकायत मिली है। सभी सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क लिंग परिवर्तन सर्जरी की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी किया है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ट्रांसजेंडर समुदाय को सभी सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क एसआरएस का लाभ मिल सके
इसमें संबंधित व्यक्ति के लिंग के साथ ही उसके चेहरे, बाल, नाखून, हाव-भाव, हार्मोंस, कान का शेप तक को बदल दिया जाता है। हालांकि यह प्रॉसेस काफी खर्चीली हैं, इसलिए अधिकतर लोग इन सभी को करवाने के बजाए इनमें से प्रमुख चरणों को करवा लेते हैं, जिसमें दो से ढाई लाख रुपए के खर्च आता है।
पुरुष से महिला कैसे बने?
पुरुष से महिला की शारीरिक रचना को पाना काफी यूनिक, अलग, लेकिन काफी मुश्किल काम होता है। फिजिकल ट्रांजीशन के बारे में कोई सही या गलत का नियम नहीं मौजूद है। हालांकि कुछ महिलाएं सेक्सुअल रीअसाइनमेंट सर्जरी (SRS) लेना पसंद करती हैं, वहीं कुछ को हॉरमोन ट्रांसप्लांट थेरेपी भी काफी लगती है।