रांची: गवर्नर झारखंड से मिले पसमांदा मुस्लिम यूनाइटेड काउंसिल भारत के प्रतिनिधिमंडल। प्रतिनिधिमंडल में काउंसिल भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ्ती अब्दुल्लाह अज़हर कासमी, समाजसेवी शोएब अंसारी, काज़ी ए निकाह कारी जान मोहम्मद मुस्त्फी, मौलाना तौफीक अहमद कादरी, इंजिनियर इकबाल हसन थे। गवर्नर झारखंड से मुलाकात कर 8 सूत्री मांग पत्र सौंपा। जिसमे लिखा है की अनुच्छेद 341 एवं 342 पर लगे संविधान विरोधी धार्मिक प्रतिबंध को समाप्त करने एवं मुसलमानों के सामाजिक एवं राजनैतिक उत्थान किया जाए। पसमांदा मुस्लिम यूनाइटेड काउंसिल भारत आपके समक्ष मुसलमानों के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक उत्थान हेतु माँग पत्र सौंप रही है और आपसे आशा करती है कि इस दिशा में सकारात्मक पहल करते हुए मुसलमानों के जायज माँगों को केन्द्र सरकार एवं झारखण्ड सरकार से दिलाने का पहल करेंगे। 1 अनुच्छेद 341 एवं 342 पर लगे संविधान विरोधी धार्मिक प्रतिबंध को समाप्त कर मुस्लिम व ईसाई दलितों के साथ हो रहे धर्म आधारित पक्षपात को समाप्त किये जाने के लिए आपके माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति महोदय को पत्र लिखने की कृपा की जाए। 2. माबलिंचिंग पर सख्त से सख्त कानुन बनाया जाए। 3. रेपिस्टों को फांसी की सजा हो। 4. जातिय जनगणना, जनगणना अधिनियम 1948 के अन्तर्गत कराया जाए। 5. शिडयूल जिलों के एकल पदों मुखिया / प्रमुख / जिला परिषद का संविधान के आधार पर अनारक्षित कर डीनोटिफाईड किया जाए।6. शिडयूल जिलों के नियुक्तियों में पसमांदा पिछड़ों का आरक्षण लगभग शुन्य कर दिया गया है। उन जिलों में जितनी आबादी पसमांदा पिछड़ों की है उतनी आरक्षण दी जाए। 7. रंगनाथ मिश्र आयोग और सच्चर कमिटि की सिफारिश को लागू किया जाए। 8. मुसलमानों में अंसारी, हलालखोर, धोबी, कलवार जैसी कई ऐसी जातियाँ हैं जिन्हें शिडसूल कास्ट का दर्जा मिलना चाहिए । हमारी मांगों पर विचार विमर्श कर काम किया जाय। मुफ्ती अब्दुल्लाह अज़हर कासमी ने कहा की राज्यपाल महोदय ने सारी बातों को ध्यान पूर्वक सुना, बड़ी इज्जत बख्शी और कहा की हम इस पर कार्य करेंगे। आपकी मांगो को हम आगे भेजने का काम करेंगे।