झारखंड में व्यवसायिक बागवानी एवं बागवानी आधारित व्यापार व उद्योग को बढ़ावा देने के लिए चैंबर और राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा कार्यशाला का आयोजन

Spread the love

रांची : झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स के कृषि बागवानी एवं ग्रामीण कृषि उद्योग उप समिति द्वारा झारखण्ड राज्य में तकनीकी व उच्च आय की सब्जी, फल-फूल, मशरूम के वाणिज्यिक स्तर पर उत्पादन एवं बागवानी आधारित व्यापार व उद्योग पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। स्वागत संबोधन चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने करते हुए कहा कि झारखंड राज्य को बागवानी राज्य के रूप में विकसित करने की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने प्रतिभागियों से झारखंड बागवानी क्षेत्र के भीतर वृद्धि और विकास की संभावनाओं को उजागर करते हुए इन योजनाओं का सक्रिय रूप से उपयोग करने पर विचार का आग्रह किया। यह भी कहा कि प्रत्येक माह चैंबर भवन में सारे बागवानी, बैंकर्स, कृषक एवं सभी कृषि से जुडी संस्थाएं एक साथ बैठकर कैसे राज्य का विकास हो और प्रदेश में कृषि और होर्टिकल्चर कैसे विकसित हो, इसपर विचार करने की जरूरत है।।कार्यक्रम का संचालन अहारी समिति के चेयरमेन आनंद कोठारी ने करते हुए अपने संबोधन के दौरान कहा कि पूर्वी भारत में सब्जी का उत्पादन अधिकतम होता है और यहां सालों भर सब्जी की खेती होती है। यहां के सब्जी का स्वाद देश के अन्य राज्यों में उत्पादित सब्जी से अधिक स्वादिष्ट है। इसलिए यहां पर व्यवसायिक बागवानी एवं बागवानी आधारित व्यापार व उद्योग के विकास पर विशेष ध्यान देना है। झारखण्ड के सांसद अर्जुन मुंडा को केंद्रीय कृषि मंत्री का प्रभार देने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री के प्रति आभार जताया और कहा कि पहली बार अर्जुन मुंडा के कृषि मंत्री बनने के उपरांत उनके द्वारा झारखण्ड प्रदेश में कृषि एवं बागवानी में अग्रणी बनाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है और उनके द्वारा केंद्र की कृषि एवं बागवानी विकास की योजना को क्रियान्वयन कराने के लिए विषेष अभियान चलाया जा रहा है।
कार्यषाला में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित नाबार्ड के डीजीएम एस.सी गर्ग ने बताया कि नाबार्ड द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में गोडाउन का निर्माण एवं फल का उत्पादन बढाने के लिए वाडी की योजना चलाई जा रही है। कार्यक्रम में राज्य के सभी जिलों से उद्यमियों, उद्योग हितधारकों, गैर सरकारी संगठनों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और प्रगतिशील किसानों को शामिल किया गया था जिससे उन्हें इन योजनाओं की क्षमता को अनलॉक करने के लिए सशक्त बनाया गया।
राष्ट्रीय बागवाीन बोर्ड, नाबार्ड, मदर डेयरी, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, आईसीएआर पलांडु, बिरसा कृषि विष्वविद्यालय के वक्ताओं ने झारखंड में वाणिज्यिक बागवानी और कोल्डचेन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की स्थापना के लिए उपलब्ध विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए तकनीकी एवं कॉमर्षियल लाभ से जुडी प्रस्तुतियाँ दीं। प्रतिभागियों को वित्तीय सहायता, परियोजना कार्यान्वयन प्रक्रियाओं और टिकाऊ, लाभदायक बागवानी उद्यमों की स्थापना के व्यापक लाभों से भी अवगत कराया गया। केएफ बायोप्लांट्स पूणे के प्रतिनिधि ने प्रतिभागियों को फूलों के लिए संरक्षित खेती परियोजनाओं की स्थापना और रोपण सामग्री और उनकी नवीनतम किस्मों की उपलब्धता के बारे में भी बताया।
कार्यशाला में नाबार्ड के डीजीएम एस.सी गर्ग, केएफ बायोप्लांट्स के जीएम मार्केटिंग आषीष फटके, आईसीएआर पलांडु के सीनियर साईटिस्ट डॉ पी भावना, मदर डेयरी रांची के यूनिट हेड सुजीत कुमार मोंगराज, बिरसा कृषि विष्वविद्यालय के डॉ0 मधुपर्णा बनर्जी, बैंक ऑफ इंडिया के चीफ मैनेजर मिस सुनिता, बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर प्रबोध कुमार, बिरसा कृषि विष्वविद्यालय के वैज्ञानिक श्वेता सिंह को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। चैंबर उपाध्यक्ष राहुल साबू, सह सचिव शैलेष अग्रवाल, अमित शर्मा, कोषाध्यक्ष ज्योति कुमारी ने सभी मुख्य वक्ताओं का ग्रीन प्लांट देकर अभिनंदन किया। उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा द्वारा कार्यशाला का धन्यवाद ज्ञापन दिया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *