हजरत कुतुबद्दीन रिसलदार शाह बाबा के 216 में उर्स के चौथे दिन कव्वाली का उद्घाटन झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास और संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम और झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष शमशेर आलम ने फीता काटकर किया। इस मौके पर बोलते हुए आलमगीर आलम ने कहा कि इस दरगाह का सिलसिला सैकड़ो वर्षों से चल रहा है और लगातार इसका आयोजन किया जा रहा है। यह उर्स सिर्फ रांची झारखंड बल्कि पूरे देश से लोग यहां आते हैं और जितने भी लोग आते हैं सभी लोगों की मुरादों को बाबा पूरा करते हैं। उन्होंने कहा कि हर इंसान जो इस दुनिया में आता है उसे उसे इस दुनिया से एक दिन जाना होता है उन्होंने कहा कि रिशालदार साहब बाबा केरल से रिशालदार पद पर रांची आए थे वह काम करते हुए अल्लाह की इबादत और अच्छी-अच्छी बातें मिल्लत की बातें लोगों को बताते थे। बाबा का आखिरी शब्द था ईश्वर, अल्लाह , खुदा ,भगवान सब एक है। वह गंगा जमुना तहजीब के एक बड़े मिसाल है ,यहां सभी धर्म के अकीदतमंद पूरे विश्वास के साथ आते हैं। उन्होंने झारखंड अलग हुए 23 साल हो गया है उसे समय से दरगाह का बहुत विकास हुआ है ।पिछली जो कमेटी थी उसने भी दरगाह का बहुत विकास किया है ,और उम्मीद है कि नया कमेटी भी दरगाह के विकास को आगे ले जाएगी । कमेटी ने दो मांगे हमसे रखी पहले की उर्स मैदान का विकास हो और हेल्थ सेंटर को दरगाह कमेटी के हैंडोवर दिया जाए। इस पर हम विभागीय मंत्री से बात कर उनकी मांगों को पूरा करने का कोशिश करेंगे। मौके पर बोलते हुए झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष शमशेर आलम ने कहा की रिशालदार शाह बाबा झारखंड के पहचान है। यहां सभी धर्म के लोग आते हैं और बाबा सभी की मन्नतें को पूरा करते हैं। उन्होंने कहा की नई कमेटी को जब भी हमारी जरूरत होगी हम तैयार हैं