रांची – सीटू और कन्स्ट्रक्शन वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (सी डब्लू एफ आई) से संबद्ध झारखंड राज्य निर्माण कामगार यूनियन की राज्य स्तरीय बैठक मेन रोड स्थित कार्यालय में सीटू के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश विप्लव की अध्यक्षता में संपन्न हुआ. बैठक में सर्वसम्मति से यूनियन की राज्य कार्यकारिणी और पदाधिकारियों का चुनाव किया गया. जिसमें अमर उरांव अध्यक्ष, संजय पासवान महासचिव, प्रतीक मिश्रा कोषाध्यक्ष, भवन सिहं, सुखनाथ लोहरा, गणेश कुमार वर्मा व रमेश प्रजापति उपाध्यक्ष, प्रेम प्रकाश व राकेश कुमार संयुक्त सचिव के अलावा कबीर शेख, इकबाल शेख, सुजीत माजी, रिजाउल करीम, देवी सिंह पहाड़िया, इश्वर महतो, नागेश्वर दास कार्यकारिणी सदस्य चूने गए. बैठक में इस वर्ष 25 हजार नए सदस्य बनाने एवं दिसम्बर माह में राज्य सम्मेलन करने का फैसला किया गया.
बैठक को संबोधित करते हुए सीटू के महासचिव विश्वजीत देव ने कहा कि भारतीय निर्माण उद्योग कृषि के बाद सबसे बड़ा रोजगार देने वाला क्षेत्र है। जहां लगभग 51 मिलियन लोग काम करते हैं और देश की जीडीपी में लगभग 11% का योगदान देते हैं। भारत में यह 2025 तक 1.4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
निर्माण मजदूरों के लिए 1996 के कानून को संघर्षों के बल पर पूरे देश में लागू करवाया गया. लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी निर्माण श्रमिक कल्याण बोड मे निर्माण मजदूरों का बड़ा हिस्सा पंजीकृत नहीं हुआ हैं. कानून बनने से लेकर अब तक कुल 78521.24 करोड़ रूपये सेस से वसूली की गई है. जिसमें 35399.40 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए. 54.91% यानी 43,121.84 करोड़ रुपये खर्च ही नहीं किया गया. केरल को छोड़कर झारखंड सहित सभी राज्यों में हजारों करोड़ रुपये पड़ा हुआ है, लेकिन मजदूरों पर खर्च नहीं किया जा रहा है. इसके पिछे मंशा यही है कि राज्य सरकार मजदूरों के पैसे को कहीं और खर्च करना चाहती है. निर्माण श्रमिकों के हक के लिए सीटू और सीडब्लू़एफआई के लाल झंडे के तले हमें मजदूरों को लामबंद कर लम्बी लड़ाई लड़ना होगा. बैठक को सीटू के कोषाध्यक्ष अनिर्वान बोस, अमल आजाद ने भी सम्बोधित किया.