रांची: पुरे विश्व में पोलियो दिवस पोलियो की दो बूंद दवा के जनक डॉ जोनास साल्क के जन्मदिन के अवसर पर 24 अक्टूबर को मनाया जाता है । पोलियो दिवस के अवसर पर रांची फिरायालाल के सामने रोटरी रांची ने हाथों में प्ले कार्ड ले मानव श्रृंखला बनाई एवं जागरूकता हेतु नुक्कड़ नाटक भी किया । नुक्कड़ नाटक में अध्यक्ष विनय ढानढनिया, पूर्व अध्यक्ष प्रवीण राजगढ़िया, सचिव ललित त्रिपाठी, अजय वाधवा, गौरव बागरोय, फर्स्ट लेडी सुधा ढानढनिया, एवं अमित अग्रवाल कि भूमिका की काफी सराहना हुई ।
मौक़े पे अध्यक्ष विनय ढानढनिया ने कहा की पिछले दस वर्षो से भारत में पोलियो का एक भी केस सामने नहीं आया है । आज समय है जश्न का और उस सपने को साकार करने का जो जोनास साल्क ने देखा , जो रोटरी ने देखा , जो हमने आपने देखा । दोस्तों मै महसूस कर रहा हूँ जब से भारत पोलियो मुक्त हुआ , हम जश्न तो मना रहे है ,लेकिन पोलियो ड्राप पिलाने में शिथिलता आ गई है । जबकि अब भी अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान में पोलियो के वायरस बचे है । हमे अब भी पोलियो की खुराक अपने बच्चो को देनी ही होगी । हमें पुरे जोश के साथ लगना होगा , ताकि हमारी कामयाबी कायम रहे ।
सचिव ललित त्रिपाठी ने कहा रोटरी रांची ने जागरूकता हेतु दुर्गा पूजा के पंडालों और प्रमुख चौक चौराहों पर दो बुंद जिंदगी के नारे के साथ विश्व पोलियो दिवस के बैनर लगवाए।
क्यों मनाया जाता है पोलियो डे
कई सालों से हम सुनते आ रहे हैं, ‘दो बुंद जिंदगी की’ और ये पूरी दुनिया में साबित हो गया है कि मानव स्वास्थ को खतरनाक बीमारियों से बचाने के लिए पोलियो की दवा कितनी महत्वपूर्ण है. 24 अक्तूबर को हर साल वर्ल्ड पोलियो डे मनाने के पीछे का उद्देश्य इस खतरनाक बीमारी के खिलाफ लोगों को जागरूक करना है. करीब एक दशक पूर्व हमारा देश पोलियो मुक्त घोषित हुआ. जिसके लिए लंबी लड़ाई लड़ी गई. यह दिन पोलियो टीका की खोज करने वाले महान वैज्ञानिक जोनास साल्क को समर्पित है। उनका जन्म 24 अक्तूबर को हुआ था। उन्होंने 1955 में पोलियो टीका की खोज की थी. इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को पोलियो के प्रति जागरुक करना है. साथ ही लोगों को अपने बच्चों को टीका दिलाने के लिए भी प्रोत्साहित करना है।