रांची : रांची इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो-साइकियाट्री एंड एलाइड साइंसेज़ (रिनपास), कांके में डिपार्टमेंट ऑफ साइकियाट्रिक सोशल वर्क द्वारा “Mental Health for All: Fostering Inclusion, Breaking Myths and Building Support for Transgender Well-being” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन J.E. Dhunjibhoy Academic & Research Centre में किया गया।
उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में कुमारी रंजना अस्थाना, सदस्य सचिव (प्रिंसिपल जिला जज, झालसा), रवि कुमार भास्कर, सचिव (डलसा), प्रो. (डॉ.) अमूल रंजन सिंह, निदेशक रिनपास, डॉ. मनीषा किरण, विभागाध्यक्ष (PSW), तथा डॉ. विनोद कुमार महतो, मेडिकल सुपरिटेंडेंट, रिनपास उपस्थित थे।
स्वागत भाषण में प्रो. (डॉ.) अमूल रंजन सिंह ने ट्रांसजेंडर समुदाय के साथ होने वाले भेदभाव और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह समुदाय समाज का अभिन्न हिस्सा है और इन्हें समान अवसर व सम्मान मिलना चाहिए।
कुमारी रंजना अस्थाना ने बताया कि झालसा, डलसा और नलसा द्वारा ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए “tearless and tireless support system” उपलब्ध कराया जा रहा है तथा legal helpline number 15100 की जानकारी साझा की। रवि कुमार भास्कर ने ट्रांसजेंडर के मौलिक अधिकारों और Transgender Persons (Protection of Rights) Act, 2019 पर प्रकाश डाला।
डॉ. विनोद कुमार महतो ने समाज से ट्रांसजेंडर समुदाय के साथ भेदभाव समाप्त कर उनके अधिकारों की रक्षा करने का आह्वान किया।
डॉ. मनीषा किरण ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज में समावेशिता और संवेदनशीलता को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने ट्रांसजेंडर समुदाय को मुख्यधारा में शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया तथा facilitators, DLSA, JHALSA और संबंधित संगठनों का आभार व्यक्त किया।
कार्यशाला में विशेषज्ञ वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए —
जी. राजेश, IMHANS ने ट्रांसजेंडर समुदाय में मानसिक स्वास्थ्य की समझ पर सारगर्भित व्याख्यान दिया।
Mx. प्रियंक माझी, Mx. पुष्पा कुमारी नाग, Mx. पूर्णिमा, Mx. कनिका राजकमल और Mx. जन्नत ने अपने जीवन अनुभव साझा किए।
श्री सोविक शाह, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, पीपल फॉर चेंज, जमशेदपुर ने ट्रांसजेंडर मुद्दों पर विचार प्रस्तुत किए। सोनल तिवारी, अधिवक्ता, झारखंड हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर कल्याण में राज्य और न्यायालयों की भूमिका पर चर्चा की।
डॉ. केतकी रानाडे, TISS, मुंबई ने कार्यशाला की थीम पर व्याख्यान दिया। श्वेता मोहन और शांतनु ब्रज चौबे, NUSRL, रांची ने ट्रांसजेंडर समुदाय के कानूनी अधिकारों एवं मानसिक स्वास्थ्य पर जानकारी साझा की। एस. जे. संगीता ने अपने RINPAS रिसर्च एक्सपीरियंसस साझा किए, जबकि तन्वी झा ने इंक्लूसिव और सेफ कम्युनिटीज के निर्माण पर अपने विचार रखे।
इस अवसर पर रिनपास की फैकल्टी डॉ. जयती सिमलाई, डॉ. मसरूर जहां, डॉ. जय प्रकाश, डॉ. इन्दु सोलंकी, तथा सीआईपी से डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव और डॉ. नरेंद्र सिंह सहित संस्थान के साइकियाट्रिक सोशल वर्कर्स, छात्र-छात्राएँ और कर्मचारी उपस्थित थे। साथ ही. एनयूएसआरएल के छात्र-छात्राएँ तथा विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
