भारतीय जनतंत्र मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी के नेतृत्व में पहाड़ी मंदिर में तुलसी दिवस समारोह आयोजित किया गया।
धर्मेंद्र तिवारी ने कहा हम हर साल 25 दिसम्बर को तुलसी पूजन दिवस मनाते है। यूँ तो सुबह शाम सभी सनातनी घरों में तुलसी आराध्य के रूप में पूजी जाती है। इसलिए इसदिन विशेष रूप से माँ तुलसी की पूजा करें । उन्होंने कहा कि यह तुलसी दिवस 31 दिसंबर तक मनाया जाएगा।
सनातन धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है। इसके लिए सनातन धर्म के अनुयायियों के घर पर रोजाना सुबह-शाम तुलसी के पौधे की पूजा उपासना की जाती है। वहीं, 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाया जाता है। इस प्रकार आज तुलसी पूजन दिवस है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु जी और माता लक्ष्मी की कृपा पाने हेतु रविवार को छोड़कर अन्य सभी दिनों में तुलसी के पौधे को जल का अर्घ्य देना चाहिए। वहीं, रोजाना संध्याकाल में घी के दिए जलाकर आरती करनी चाहिए। रोजाना तुलसी मां की पूजा उपासना करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। जबकि, तुलसी पूजन दिवस पर तुलसी मां की पूजा उपासना करने से साधक के सभी मनोरथ सिद्ध होती है।
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत ही पूजनीय और पवित्र माना गया है। शास्त्रों में तुलसी के पौधे को देवी लक्ष्मी का रूप माना गया है। जिन घरों में तुलसी का पौधा लगा होता है और नियमित रूप से इनकी पूजा होती है वहां पर हमेशा सुख-समृद्धि का वास रहता है। वास्तु शास्त्र में भी तुससी के पौधे विशेष महत्व होता है। तुलसी के पौधे में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने की क्षमता होती है। नियमित रूप से तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु की अपार कृपा मिलती है। भगवान विष्णु को तुलसी अत्यंत ही प्रिय होती है इसलिए तुलसी का एक नाम हरिप्रिया भी है। इस मौके पर परम पूजनीय संत बाबू आसाराम के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने आरती कर तुलसी पूजन दिवस को संपन्न किया। इस मौके पर श्रद्धालुओं के बीच तुलसी का पौधा, भगवत गीता, बाबू आसाराम की किताबें वितरित की गई