भाजपानित केंद्र सरकार की अब देश से विदाई का समय आ गया है, इसलिए “खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे” वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है : इंडिया गठबंधन

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रांची: ईडी, सीबीआई जैसे सरकारी तंत्र के जरिए माननीय मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के प्रहरी पत्रकारों की अभिव्यक्ति की आजादी से रोकना एवं विपक्षी नेताओं को लगातार केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे हमले के विरोध में आज दिनांक 9 अक्टूबर 2023 को इंडिया गठबंधन दलों के द्वारा झामुमो जिलाध्यक्ष श्री मुशताक आलम, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष डॉ राकेश किरण महतो, सीपीआई के जिला सचिव श्री अजय सिंह, आरजेडी के जिलाध्यक्ष श्री धर्मेंद्र महतो, आप के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री हरि सिंह के संयुक्त नेतृत्व में राजभवन मार्च कर महामहिम राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल श्री राधा कृष्णन को ज्ञापन सोंपा गया। यह मार्च जिला स्कूल प्रांगण से निकल कर राजभवन तक गया जहाँ सभा में तब्दील हो गया। नेताओं ने कहा कि अब भाजपानित केंद्र सरकार का विदाई का समय आ गया है इसलिए “खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे” वाली कहावत को चरितार्थ कर रही। बाद में 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल द्वारा अधिकृत पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा है कि सच बयान करने वाले ख्यातिप्राप्त चुनिंदा पत्रकारों के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के ऊपर कल दिनांक 3 अक्टूबर 2023 को हुए हमले पर हम आम जनता जनता क्षुब्ध और चिंतित हैं। अमेरिकी पैसे को लेकर “न्यूजक्लिक” वेबसाइट द्वारा चीन की तरफदारी के मुद्दे पर बिना सर्च वारंट के अभिसार शर्मा, उर्मिलेश, भाषा सिंह आदि जैसे प्रमुख पत्रकारों, जो उक्त वेबसाइट से सिर्फ कंसल्टेंट के रूप में जुड़े हैं, के घर छापे मारना और उनको उठाकर स्पेशल सेल में घंटों दूसरे विषयों पर घंटों पूछताछ करना हमें और चिंतित करता है। “आपने क्या किसान आंदोलन का कवरेज किया? आपने क्या शाहीन बाग का कवरेज किया? आपने क्या दिल्ली दंगों का कवरेज किया? जैसे सवाल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जो कि हर एक नागरिक का मूल अधिकार है, का पूरी तरह से हनन करता है। यदि मीडिया से जुड़े लोग देश में घटित हो रही है मुख्य घटनाओं की कवरेज भी नहीं करेंगे तो फिर आम नागरिकों को वो सूचनाऐं या वो खबरें कैसे मिलेंगी? देसी कॉरपोरेट मीडिया अब ऐसी खबरें नागरिकों को उपलब्ध नहीं कराती है।
स्वतंत्र मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार “न्यूजक्लिक” में जो भी विदेशी निवेश हुआ है, वह आरबीआई के गाइडलाइंस के हिसाब से ही हुआ है और उसमें कुछ भी गलत नहीं है। दिल्ली पुलिस व अन्य, जिन्होंने छापे मारे या पूछताछ की है, उन्होंने किसी विशेष न्यूज़, आपत्तिजनक न्यूज़ या ऐसा न्यूज़, जिससे चीन की तरफदारी साबित होती हो, उनके सामने पेश नहीं किया है। इसका मतलब स्पष्ट है कि सरकार सिर्फ उन्हें परेशान करने की या उनकी आवाज को बंद करने की नीयत से यह काम कर रही है, जैसा “न्यूजक्लिक” को सील करने और उसके संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और अन्य को गिरफ्तार कर के उनके ऊपर यूएपीए जैसे खूंखार कानून लगा दिए जाने से स्पष्ट होता है। क्या ये पत्रकार आतंकवादी हैं, जिन पर यूएपीए जैसे कानून थोप दिए जाएं? जिन्हें जब चाहे, बिना सर्च वारंट के हिरासत में लिया जाए? ईडी, सीबीआई, आईटी उनके पीछे लगा दिया जाए? इंडिया गठबंधन के घटक दल और आम नागरिक चिंतित और उद्वेलित हैं।
दूसरी और सरकारी एजेंसियों ईडी, सीबीआई और आईटी विभाग द्वारा सरकार के विरोध में आवाज उठाने वाले व्यक्तियों और विपक्ष के, विशेष कर इंडिया गठबंधन के प्रमुख नेताओं को झूठे मुकदमों में फंसा कर लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है, उन्हें जेल भेजा जा रहा है। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया महीनों से जेल में हैं। दिल्ली, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों समेत कई नेताओं को सरकारी एजेंसियों द्वारा धड़ाधड़ समन भेजे जा रहे हैं। राज्यसभा सांसद माननीय संजय सिंह की गिरफ्तारी ऐसे मामलों की नवीनतम कड़ी है, जिन्हें दो आरोपी, जो बाद में सरकारी गवाह बन गए, की गवाही पर बिना अनुसंधान के ही गिरफ्तार कर लिया गया। केंद्रीय सरकारी एजेंसियों के इस रवैए पर माननीय सुप्रीम कोर्ट की फटकार का भी केंद्र सरकार और उनकी सरकारी एजेंसियों पर कोई असर नहीं है। ये संवैधानिक संस्थानों का खुला दुरुपयोग है और मान्य राजनीतिक परम्परों का खुला उलंघन भी है।
आप देश के संविधान की मुख्य संरक्षक हैं और हम इंडिया गठबंधन के घटक दल और देश के नागरिक आपसे अपील करते हैं कि केंद्र सरकार के इस तानाशाहीपूर्ण रवैया पर तुरंत रोक लगाएं और और केंद्र सरकार को निर्देश दें कि वो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, प्रेस की स्वतंत्रता और सरकार का विरोध और सच्चाई बयान करने पर विपक्ष के नेताओं पर राजनीति से प्रेरित झूठे मुकदमे न लदें, सुनिश्चित करे। इसके साथ ही निवेदन है की न्यूजक्लिक पर लगे आरोपों को निरस्त कर के उसका सील खुलवाने या उसकी निष्पक्ष जांच कराने, और जांच पूरी होने तक गिरफ्तार प्रबीर पुरकायस्थ और अन्य को अविलंब रिहा कराने और उन पर से यूएपीए हटाने का आदेश दिया जाए। मौके पर सीपीआई के पूर्व सांसद भुनेश्वर प्रसाद मेहता, राज्य सचिव महेन्द्र पाठक, झामुमो के जिला सचिव डॉ हेमलाल कुमार मेहता हेमू, केन्द्रीय सदस्य समनुर मंसुरी, पूर्व केन्द्रीय सदस्य रामशरण विश्वकर्मा, पूर्व केन्द्रीय सदस्य अन्तु तिर्की, जिला उपाध्यक्ष अश्विनी शर्मा, जनक नायक, बीरू साहु, कलाम आजाद, रामानन्द बेदिया, आदिल इमाम, जुलफीकार खान, प्रदीप भोगता सुजीत उपाध्याय, कांग्रेस के संजय पासवान, चंद्र रश्मि, गुलज़ार अहमद, लालचंद सोनी, किशोर नायक,जगदीश महतो, शिव टहल नायक, चन्दन बैठा, मो. हुसैन, जमील मल्लिक, मंगा उरांव, बलराम साहू, भोला महतो, शहाबीर लोहरा, रमेश पाण्डेय, जसीम अंसारी, अजाद अंसारी, सीपीआई के पी के पाण्डेय, राजेंद्र यादव ,नेमन यादव, अजय सिंह, इशाक अंसारी, इमतियाज खान, डेविड खलको, तार सिंह, मनोज ठाकुर, चुम्मू उरांव, आरजेडी के यशवंत यादव, चंचल कुमार, राम जनम शर्मा, विशाल कुमार, कमलेश कुमार, आम आदमी पार्टी के नरेन्द्र चौबे, संतोष कुमार रजक, सत्येन्द्र सिंह, विनय यादव, प्रभात शर्मा, कृष्णा, झामुमो के जीत गुप्ता, हलधर महतो, आफताब आलम, वसीम राबिया खान, साहिल यादव, गोपाल पाण्डेय, राहुल वर्मा, महावीर विश्वकर्मा, अरूण वर्मा, सालो देवी, जावेद अख्तर अन्सारी, मो साजिद, राधा हेम्ब्रोम, राधा बाउरी, अमीत महतो, पाण्डेय महतो, सुषमा उरांव, अशोक महतो, ललित केरकेट्टा, आशुतोष वर्मा, पुष्पा बरदेवा, नौशाद आलम, कयुम अन्सारी, विनोद कुमार, हीरा लाल, अनवर, मो अफरोज, मो ताहिर, विनोद दास, सनाउल्लाह हक, उदय दास, रजनी चन्द्र पाहन, होजेफा अन्सारी, सागर मुण्डा, रंथु उरांव, सुरेश महतो, सोमारी उराँव, नेहा देवी, पूजा देवी, राकेश वर्मा, भुनेश्वर साहु, नागेश्वर महतो, बलराम महतो, फिरोज अन्सारी, रमेश साहु, समीम बड़ेहार, मोजाहिद हुसैन, फैयाज शाह, प्रवीन महतो, मकबुल अहमद आजाद, , अनिल पासवान, सुभाष प्रजापति, सम्भु दास, अजय मुण्डा, रंजीत रजक, अखतर मंसुरी, प्रदीप भोगता, अबुल कलाम आजाद, मो हासमी, मरियानुस मिंज, देवेन्द्र गोप, प्रवीण कुमार महतो, अनिल बेदिया, संयुक्त सचिव अजीत कुमार महतो, मीडिया प्रभारी भगीरथ महतो, पूर्व प्रखंड अध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो, उपेंद्र महतो, दिलीप कुमार महतो, मुकेश कुमार महतो, तपन मोदक, दुलाल मोदक, मिथुन महतो, चंद्रशेखर महतो, नव महतो, प्रताप महतो, सम्भु महतो, ओंकार आ, मुस्लिम अन्सारी, गुड्डू के अलावा हजारों कार्यकर्ता शामिल थे।

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