बिशप थियोडोर द्वारा मिट्टी के घर में मनाया गया प्रभु का अंतिम व्यालु

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डाल्टेनगंज: पवित्र यूखारिस्त की स्थापना दिवस के अवसर पर। जो ईसाई जीवन का स्रोत और शिखर है। डाल्टनगंज धर्मप्रान्त के धर्माध्यक्ष बिशप थियोडोर मस्कारेनहास एस एफ एक्स ने अपनी चरित्र के अनुरूप जो दूर के गांव और बाहरी इलाके जहां लोगों को सारी सुख सुविधा उपलब्ध भी नहीं होता वैसे जगह जा कर प्रभु के प्यार को बांटते हैं। आज प्रभु के अंतिम व्यालू कुंडपानी पल्ली के एक छोटे से गांव अड़ागड़ा आए। बिशप स्वामी ने बड़े ही धूमधाम से पुण्य बृहस्पतिवार की धर्म विधि मिट्टी से बने इस गांव के गिरजा घर में संपन किया ।
आज के इस पुण्य दिन में प्रभु येसु के पद चिन्हों में चलते हुए बिशप स्वामी बड़े प्रेम से 12 लोगों के पैर धोए। उन्होंने इस प्रकार प्रभु के प्रेम को अभिव्यक्त किया जैसा कि हमारे प्रभु ने खुद उदाहरण दिये हैं।
अपने उपदेश में बिशप स्वामी ने कहा प्रभु ने हमें मिस्सा बलिदान दिया है। इस प्रकार प्रभु ने अपना शरीर और रक्त को हमें प्रदान करते हैं। इसलिए हमको चाहिए कि हम मिस्सा में भाग लेने का प्रयास करें। हम सभी प्रभु के द्वारा इसलिए बुलाए गए हैं ताकि हम एक दूसरे की सेवा करें। प्रभु हमें प्यार करते है और वही प्यार हम दूसरो देते हैं, जब हम एक दूसरे की सेवा करते हैं। इस धर्म विधि के लिए बिशप स्वामी के अलावा कुंडपानी के सहायक पल्ली पुरोहित फादर पैट्रिक, सीड्स ऑफ होप के निदेशक फादर मार्टिन एस एफ एक्स, फादर अमरदीप, ब्रदर सुमन 2 Fcc धर्म बहनें और लगभग 150 ख्रीस्तीय विश्वासी उपस्थित थे।

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