अल कमर कॉलोनी मस्जिद- ए- आयशा में पहली नमाज अदा की गई

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आसपास के लोग मस्जिदों को हमेशा आबाद रखे : हजरत मौलाना हसनैन नदवी

मस्जिदे अमन का प्रतीक होती है : मौलाना अब्दुल वाजिद चतुर्वेदी,

रांची : मिल्लते-ए-मुस्लिमीन कमेटि मस्जिद-ए-आईशा,अलकमर कालोनी तिलता रातू, राँची (झारखण्ड) मस्जिद का उद्घाटन हजरत मौलाना हसनैन नदवी खानकाह राशिदिया चतरा और मौलाना अब्दुल वाजिद चतुर्वेदी ने जुमा नमाज अता कर किया. । यह मस्जिद इस क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक है ,संपूर्ण क्षेत्र में उत्सव जैसा।नज़ारा देखने लायक रहा और उद्घाटन समारोह का साक्षी बनने के लिए लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. मौके पर बोलते हुए मौलाना अब्दुल वजिद चतुर्वेदी ने कहा कि मस्जिद तमाम इंसानियत के लिए शांति का प्रतीक होती है । मस्जिद से पांच वक्त जो अजान होती है वह इसकी सदा है कि इस धरती का आकाश का, गगन का ,पूरी कायनात को बनाने वाला एक है वही सारी सृष्टि को रचनाकार है, लोगों को पैदा करने वाला है. तमाम मानव को उसके सामने नतमस्तक होना चाहिए। मस्जिद की गतिविधियों से आसपास बसने वाले तमाम लोगों को एक शांति का एहसास होता है । मस्जिद नमाज पढ़ने की जगह है जो मुसलमान पर फर्ज है। नमाज पढ़ने से इंसान अल्लाह के नजदीक आ जाता है जिससे कि उसमें मानवता के लिए प्रेम हो जाता है ,क्योंकि उसके दिल में अल्लाह की मोहब्बत होती है। हजरत मौलाना हसनैन नदवी सज्जादानशी ,खानकाह रशीदिया, चतरा ने कमेटी और बस्ती के लोगों को मुबारकबाद दी उन्होंने कहा की मस्जिद तो बन गया है असल जरूरत है इसको आबाद करना । नमाज की पाबंदी करें, कुरान का जिक्र करें ,तालीम के हल्के लगाए उलेमा को बुलाकर उनकी बातों को सुनकर अमल करें। मौके पर बोलते हुए मस्जिद के सदर मोहम्मद यासीन ने कहा 2004 से इस इलाके में मस्जिद बनाने की कोशिश हुई लेकिन सभी ने मिलकर जून 2023 में एक जलसे का आयोजन किया और मस्जिद बनाने की शुरुआत हुई। लोगों में खुशी का माहौल है। मस्जिद के सचिव अशफाक आलम ने कहा कि पूरी मिल्लते मुस्लिमीन कमेटी के सहयोग से और बस्ती के लोगों के सहयोग से यह मस्जिद बनाई गई है। मस्जिद कमेटी के खजांची मोहम्मद शाहिद ने कहा कमेटी मस्जिद को हम हमेशा मस्जिद आबाद रखना की कोशिश करेगी ।लोगों में मस्जिद बनने से खुशी का माहौल है लोग को इबादत के लिए आसानी होगी। इस मौके पर मस्जिद ए आयशा कमेटी के नायब सदर नसीम मास्टर, नायब सचिव अली हसन ,नायाब खजांची सद्दाम हुसैन, फिरोज अहमद समेत कई लोग शामिल थे।

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