तारा शहदेव प्रकरण मुख्य आरोपी रंजीत सिंह कोहली को आजीवन उम्रकैद , बर्खास्त

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रांची : पूर्व नेशनल राइफल शूटर तारा शहदेव के धर्म परिवर्तन, यौन उत्पीड़न व दहेज प्रताड़ना से संबंधित मामले में दोषी करार दिए गए मुख्य आरोपी रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन, उसकी मां कौशल रानी और हाई कोर्ट के बर्खास्त रजिस्ट्रार (विजिलेंस) मुश्ताक अहमद के सजा के बिंदु पर गुरुवार को सीबीआई कोर्ट में सुनवाई हुई. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की कोर्ट ने रंजीत सिंह कोहली को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है जबकि उसकी मां कौशल रानी को 10 साल और मुश्ताक अहमद को 15 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट के फैसले के तहत रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा मिली है. मुख्य आरोपी रंजीत कोहली को 376 (2n ) में उम्र कैद और अंतिम सांसों तक जेल में रहने की सजा दी गई है. साथ ही उस पर 50,000 का जुर्माना भी लगाया गया है जबकि कोहली की मां कौशल रानी को 10 साल की सजा एवं 50000 का जुर्माना आईपीसी की धारा 120 बी सह पठित 376 (2n ) में मिली है. वहीं मुस्ताक अहमद 15 साल की सजा और 50 हजार रूपए का जुर्माना आईपीसी की धारा 120 बी सह पठित धारा 376 (2n ) में सजा मिली है. बता दें कि 30 सितंबर को कोर्ट ने इन तीनों को दोषी ठहराया था. सीबीआई कोर्ट ने रंजीत कोहली को IPC की धारा 120B, 376,323, 298,354A, 506, 498A में दोषी करार दिया था जबकि कौशल्या रानी को IPC की धारा 120B,298, 506,323 में और मुस्ताक अहमद को IPC की धारा 120B, 298 में दोषी करार दिया था। जानकारी हो कि कि इस मामले में मुख्य आरोपी रंजीत सिंह कोहली समेत तीनों अभियुक्तों के खिलाफ बीते 23 सितंबर को कोर्ट की सुनवाई पूरी हो चुकी थी. तीनों अभियुक्त ट्रायल फेस कर रहे थे. इन तीनों आरोपियों के खिलाफ दो जुलाई 2018 को आरोप गठित किया गया था. सीबीआई ने वर्ष 2015 में केस को टेक ओवर किया था. आरोपियों के खिलाफ दो जुलाई 2018 को आरोप गठित किया था. रांची के हिंदपीढ़ी थाना में दर्ज प्राथमिकी को सीबीआई ने अपने हाथों में लिया था. सीबीआई की दिल्ली ब्रांच ने इस मामले में कांड संख्या आरसी/ 9S/2015 दर्ज किया था.

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