रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन को देश की सबसे बड़ी अदालत से झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूर्व सीएम की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से गिरफ्तारी में दखल देने से जुड़ी अर्जी सुनने से साफ इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूर्व सीएम को सूबे के हाईकोर्ट का रुख करने की सलाह दी. अदालत की ओर से कहा गया कि वह भूमि से जुड़े मामले में गिरफ्तारी के खिलाफ वाली याचिका वहीं लेकर जाएं.
वही सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा मामले में कहा, ‘आप (येदियुरप्पा) एक मौजूदा मुख्यमंत्री हैं। आपके खिलाफ कौन गिरफ्तारी वारंट जारी कर सकता है।’ प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायामूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने शिकायतकर्ता ए. आलम पाशा और अन्य को नोटिस भी जारी किया। पीठ ने येदियुरप्पा और निरानी की उस याचिका को भी निरीक्षण के लिए स्वीकार कर लिया जिसमें मामले में शिकायत को बहाल करने के हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है।
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘नोटिस जारी कीजिए। – मामले में गिरफ्तारी पर रोक रहेगी।’ येदियुरप्पा क पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा से यह विधिक सवाल पैदा होता है कि क्या कोई अदालत बिना किसी पूर्व अनुमति के किसी लोक सेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत इस आधार पर आगे बढ़ सकती है कि उसने वह पद अब छोड़ दिया है जिसका इस्तेमाल उसने कथित तौर पर अपराध के लिए किया था।
भाईयों बहनों सुप्रीम कोर्ट किसी व्यक्ति की क्या जाती और पार्टी देखकर फैसला सुनाती है।
भ्रष्टाचार मामले में योदियुरप्पा के गिरफ्तारी पर रोक सुप्रीम कोर्ट बोला आप सीएम हैं आपके खिलाफ वारंट कौन जारी कर सकता है यही जागरण मे आय था। वही हेमंत सोरेन के साथ भेद भाव क्यों किया गया? एसे मे तो कानून से लोगों का भरोसा उठ जाएगा। लोकतंत्र के चारों स्तंभ को बीजेपी ने बंधक बना लिया है.. सम्मानित जनता समझती है जवाब देगी और जरूर देगी। यह बात हाजी मतलुब इमाम झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेट ने कही।