सुभाष मुंडा हत्याकांड छोटू खलको ने 15 लाख की सुपारी देकर कराई थी माकपा नेता की हत्या 119 डिसमिल जमीन का मामला आया सामने रांची पुलिस ने किया खुलासा

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रांची पुलिस ने माकपा नेता सुभाष मुंडा हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। माकपा नेता सुभाष की हत्या जमीन विवाद में की गयी थी। हत्याकांड में बिनोद कुमार उर्फ कन्हैया, छोटू खलखो और अभिजीत कुमार पाड़ी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके पास से एक लोडेड रिवाल्वर, एक शॉटगन, टेलीस्कोपिक लोडेड स्पोर्टिंग रायफल, एक पिस्टल, टोयटा एक फॉरचूनर गाड़ी और चार मोबाईल फोन बरामद किया गया है।

रांची के एसएसपी किशोर कौशल ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में हत्याकांड का खुलासा किया। एसएसपी ने बताया कि 26 जुलाई को नगड़ी थाना के दलादली चौक के समीप माकपा नेता सुभाष मुंडा की उनके व्यवसायिक कार्यालय में घुसकर अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। मामले में नगड़ी थाने में 27 जुलाई को एफआईआर दर्ज किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए सिटी एसपी के नेतृत्व में विशेष अनुसंधान दल का गठन किया गया। एसएसपी ने बताया कि अनुसंधान के क्रम मे पता हुआ कि इस हत्याकांड को जमीन विवाद को लेकर अंजाम दिया गया है। सुभाष मुण्डा जो मूलतः जमीन कारोबारी थे, का विवाद दलादली मौजा स्थित 119 डीसमिल के भूखंड के स्वामित्व को लेकर लालगुटवा के रहने वाले जमीन कारोबारी छोटू खलखो उर्फ छोटू उरांव के साथ था । इसके पूर्व भी 90 डीसमिल जमीन जो छोटू खलखो की ओर से एग्रीमेंट किया गया था उस पर भी मृतक के साथ विवाद चला आ रहा था, जिससे छोटू खलखों अन्दर से गुस्से में था । एसएसपी ने बताया कि 119 डीसमिल जमीन पर कब्जा करने के उद्देश्य से छोटू खलखों मृतक सुभाष मुंडा के सहयोगी बिनोद कुमार उर्फ कन्हैया को उक्त जमीन में आधा हिस्सा देने का प्रलोभन देकर अपने पक्ष में किया। इसके बाद छोटू खलखों और बिनोद कुमार उर्फ कन्हैया अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर बिनोद महतो की शादी के समय से ही सुभाष की हत्या की साजिश करना शुरू कर दिये । इसमें सहयोगी (शूटर) के लिए छोटू खलखों अपने सहयोगी मित्र कुख्यात अपराधकर्मी से संपर्क किया, जिसके बाद 15 लाख रूपया नगद एवं 10 डीसमिल जमीन (उक्त प्लॉट में से ही) देने की शर्त पर उक्त अपराधकर्मी शूटर की व्यवस्था एवं हत्या करने के लिए तैयार हुआ। एसएसपी ने बताया कि पूर्व में छोटू खलखो की ओर से उक्त अपराधकर्मी को छह डिसमील जमीन दिया गया है। घटना के पूर्व बिनोद कुमार उर्फ कन्हैया के की ओर से अपराधियों को तीन लाख रूपया एवं छोटू खलखो की ओर से एक लाख रूपया अग्रिम राशि के रूप में एवं छोटू खलखो के द्वारा एक 7.65 एमएम का देशी पिस्टल भी अपराधियों को उपलब्ध कराया गया। एसएसपी ने बताया कि अपराधी घटना के पूर्व अपने साथ दो शूटर लाकर छोटू खलखो और बिनोद कुमार के सहयोग से घटनास्थल की रेकी की। घटना के दिन साजिश में सक्रिय रूप से शामिल बिनोद कुमार की ओर से मृतक की लगातार रेकी की गयी और इसकी सूचना से छोटू खलखो को अवगत कराया। इसके आधार पर छोटू खलखो की ओर से इसकी सूचना अपराधियों को दिया गया, जिसके बाद उक्त अपराधियों ने अपने भेजे शूटरो के माध्यम से इस घटना को अंजाम दिया गया। एसएसपी ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद जानकारी मिलने के बाद छोटू खलखो, बिनोद कुमार, अभिजीत पाड़ी एवं कुछ अन्य अपराधी सहयोगी दिखावा के तौर पर दलादली पहुंचे और उग्र भीड़ में शामिल होकर सरकारी कार्य में व्यवधान डालने एवं तोड़फोड़, आगजनी में सक्रिय भूमिका भी निभाई।

एसएसपी ने बताया कि घटना के बाद अगले दिन हत्या में प्रयुक्त देशी हथियार छोटू खलखो को वापस कर दिया गया जो छोटू खलखो के निशानदेही पर उसके से बरामद किया गया।
घटना के बाद भेद खुलने के डर से छोटू खलखो अपने अन्य साजिश में शामिल अपराधिक सहयोगियों के साथ अपने पास उपलब्ध अन्य हथियारों के साथ भाग रहे थे, जिसकी सूचना के आधार पर गुरुवार देर रात नया सराय नगड़ी रोड़ से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद हत्याकांड में सभी ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।

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