रांची: वामदलों ने राजधानी रांची में अवस्थित प्रतिष्ठित उधोग भारी अभियंत्रण निगम (एचईसी) को ़बचाने के लिए आंदोलन को तेज किए जाने का निर्णय लिया है. यह निर्णय आज माकपा राज्य कार्यालय में आयोजित वामदलों की संयुक्त बैठक में लिया गया. बैठक की अध्यक्षता हलधर महतो ने की.
केंद्रीय भारी अभियंत्रण उधोग मंत्रालय के मंत्री द्वारा एचईसी के बारे में यह कहना कि केंद्र कोई सहायता नहीं करेगा बल्कि एचईसी को स्वयं पूंजी जुटाने का काम करना होगा. वामदलों ने केंद्रीय मंत्री के इस गैर जिम्मेदाराना बयान की कड़ी निंदा की है. एक तरफ मिशन चंद्रयान – 3 की सफल लांचिंग पर जिसमें एचईसी के मजदूरों और इंजीनियरों की भी एक बड़ी भूमिका है उन्हें बधाई देने के बजाय इसी केंद्रीय मंत्री ने नासमझी से भरा एक और बयान दे दिया कि चंद्रयान – 3 की लांचिंग में एचईसी की कोई भूमिका नही है.
यैसे नासमझ केंद्रीय मंत्री से क्या उम्मीद रखी जा सकती है कि वो एचईसी के पुनरुद्धार के संबंध में कोई ठोस कदम उठाएंगे.
इस परिस्थिति में वामदलों ने एचईसी को बचाने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों, जन संगठनों, सिविल सोसाइटी और ट्रेड यूनियनो के प्रतिनिधियों को लेकर एक ‘एचईसी बचाओ मोर्चा ‘ का गठन किऐ जाने का निर्णय किया है. इस मोर्चे के बैनर तले हटिया और रांची के नागरिकों एक जन कंवेंशन आयोजित कर राजभवन पर विशाल प्रदर्शन किया जाएगा और एचईसी को बचाने की मांगों से संबंधित मुद्दों पर राज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजा जाएगा. वामदलों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की है कि इस राष्ट्रीय धरोहर को बचाने के लिए वे आगे आएं और इस कारखाना का अधिग्रहण कर इसे राज्य के स्वामित्व वाले सार्वजनिक राजकीय उधम के रूप में चलाए. इसके लिए राज्य सरकार यदि चाहे तो किसी वस्तु पर अतिरिक्त टैक्स लगा कर एचईसी को तत्काल कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराए और इस प्लांट की अतिरिक्त जमीन जिसपर केंद्र सरकार का भारी अभियंत्रण मंत्रालय कब्जा जमाए बैठा है. राज्य सरकार को इनसे बात कर एचईसी की कुछ अतिरिक्त जमीन को लंबे अवधि की लीज पर केंद्रीय प्रतिष्ठानों को देना चाहिए ताकि एक मुश्त राशि मिल सके. इस पैसे से एचईसी के प्लांट के आधुनिकीकरण का काम पुरा हो सकता है. वामदलों ने केंद्रीय भारी अभियंत्रण मंत्रालय से मांग की है मजदूरों और अधिकारियों के बकाए वेतन का भूगतान अविलंब करे.
बैठक में सीपीएम के प्रकाश विप्लव, समीर दास, प्रफुल्ल लिंडा, अमल आजाद, सीपीआई के महेंद्र पाठक, पी. के. पांडे, अजय सिंह, भाकपा माले के मनोज भक्त, विनोद आहरी मासस के हलधर महतो और सुशांतो मुखर्जी के अलावा एटक के राज्य महासचिव अशोक यादव, हटिया कामगार युनियन के लालदेव सिंह और सीटू के कार्यकारी अध्यक्ष भवन सिंह शामिल थे.