अजय देवगन से खास बातचीत

Spread the love

मुंबई, नवंबर 2024: ज़ी सिनेमा पर इस शनिवार 30 नवंबर, को रात 8 बजे अजय देवगन और तब्बू की शानदार फिल्म ‘औरों में कहां दम था’ का वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर देखने के लिए तैयार हो जाइए। यह फिल्म जेल की कठिन ज़िंदगी और दिल छू लेने वाली प्रेम कहानी को साथ लेकर आती है। नीरज पांडे के निर्देशन में बनी यह रोमांचक और भावनात्मक कहानी एक कैदी के संघर्ष और उसकी अनकही दास्तान को उजागर करती है। प्रस्तुत है इस मौके पर हुई अजय देवगन से एक ख़ास चर्चा …

  1. इतने अलग-अलग किरदार निभाने के बाद आपको ‘औरों में कहां दम था’ में कृष्णा का किरदार क्यों पसंद आया?

कृष्णा का किरदार बेहद गहराई और भावनाओं से भरा हुआ है। यह सिर्फ एक त्रासदी का शिकार इंसान नहीं है, बल्कि एक ऐसा व्यक्ति है जिसकी ज़िंदगी प्यार, अनहोनी, जेल और पछतावे से जुड़ी हुई है। नीरज पांडे ने इस किरदार को बेहद दिलचस्प ढंग से गढ़ा है। यह फिल्म सिर्फ अपराध और सज़ा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिखाती है कि 22 साल जेल में बिताने के बाद किसी की ज़िंदगी और सोच कैसे बदलती है।

  1. फिल्म में ड्रामा और प्यार का गहरा मेल है। इसे निभाने में क्या खास चुनौती रही?

फिल्म की सबसे ख़ास बात यही है कि इसमें जेल के कठिन दृश्यों और प्रेम की कोमल भावनाओं का बहुत सुंदर तालमेल है। जेल के अकेलेपन और अतीत के तनाव के बीच, कृष्णा और वसुंधरा के रिश्ते का ताना-बाना एक अलग ही गहराई लेकर आता है। चुनौती यही थी कि इन दो बिलकुल अलग भावनाओं को इतने स्वाभाविक ढंग से निभाया जाए कि वे दर्शकों के दिल को छू जाएं। नीरज ने इसमें संतुलन को बनाए रखने में बहुत मदद की ताकि हम अपने किरदारों में सच्चे रहें।

  1. तब्बू के साथ फिर से काम करने का अनुभव कैसा रहा?

तब्बू के साथ काम करना हमेशा खास रहता है। उनके साथ एक सहज तालमेल है, जो पर्दे पर खुद नजर आता है। इस फिल्म में वसुंधरा और कृष्णा के रिश्ते को गहराई और शांति के साथ दिखाने की ज़रूरत थी। तब्बू ने हर दृश्य में अपनी बेमिसाल अदाकारी की है, जिससे उनके साथ काम करना और भी आसान और मजेदार हो गया।

  1. दर्शक इस फिल्म से क्या सीखेंगे?

यह फिल्म सिर्फ अपराध और सज़ा की कहानी नहीं है। यह दिखाती है कि ज़िंदगी की परिस्थितियां किसी इंसान को कैसे बदल देती हैं। यह हिम्मत और संघर्ष की दास्तान है, समय की परीक्षा में परखे गए रिश्तों की कहानी है और यह भी कि मुश्किल से मुश्किल वक्त में भी उम्मीद की एक किरण मौजूद रहती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *