रांची : शिक्षामित्र हाईकोर्ट मिशन टीम धनबाद झारखंड के द्वारा अपनी लंबित मांगों को लेकर महाधिवक्ता कक्ष रांची में समान काम का समान वेतन को लेकर दायर याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए ऋषि भारती की अध्यक्षता में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर सरकार से यथाशीघ्र अपनी मांगों को मीडिया के माध्यम से झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आनंद सेन तथा वर्तमान सरकार से शिक्षामित्रों के पक्ष में अविलंब सुनवाई की मांग को लेकर विभिन्न प्रपत्रों को अधिवक्ता कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बताते चलें कि इस मुकदमे को लेकर कई बार सुनवाई हो चुकी है तथा इस बार जून में अंतिम फैसला की सुनवाई मुकरर की गई है। उच्च न्यायालय की महाधिवक्ता ऋषि भारती ने ने कहा कि यह मामला अभी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है. इस तरह के मामले में अलग-अलग राज्यों में फैसला पक्ष में आया है. हम लोग भी अपना पक्ष कोर्ट में मजबूती से रख रहे हैं उम्मीद है कि हमारे पक्ष यानी कि शिक्षामित्र के पक्ष में फैसला आ जाएगा.अधिवक्ता ने कहा कि सरकारी शिक्षक और शिक्षामित्र दोनों का काम बराबर है तो समान कार्य का समान वेतन मिलना चाहिए. मौके पर शिक्षामित्र हाईकोर्ट मिशन टीम की ओर से मोहम्मद जाहिद हुसैन, शिक्षामित्र जिलाध्यक्ष ने कहा कि 2002 में शिक्षामित्र का 17000 एनपीएस विद्यालय खोला गया था जिन्हें पूरे झारखंड में एक-एक शिक्षामित्र की नियुक्ति की गई. झारखंड सरकार द्वारा बाद में उन्हें शिक्षामित्र को प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय और हाई स्कूल में भेजा गया लेकिन शिक्षक वही रहे उन्हें मानदेय पर काम करना पड़ा. शिक्षामित्र को बाध्य होकर WPC 5588, 17 अक्टूबर 2019 को एक याचिका दायर की गई. उस समय अधिवक्ता आशुतोष आनंद थे अभी वर्तमान में अधिवक्ता ऋषि भारती हमारा पक्ष देख रही है. इस मामले की सुनवाई कई बार हो चुकी है हमारा हमारी मांग है कि की समान कार्य का समान वेतन सभी शिक्षक एक ही तरह के काम करते हैं तो हमें भी समान वेतन दिया जाए. इस मौके पर मोहम्मद जाहिद हुसैन,निलांबर रजवार,मोहम्मद महमूद आलम,गिरिश चन्द्र शाह समेत कई शिक्षामित्र उपस्थित थे।