बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर किया गया संगोष्ठी का आयोजन

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राँची : बैंक ऑफ़ इंडिया राँची अंचल द्वारा बिरसा मुंडा सभागार में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आंचलिक प्रबंधक संजीव कुमार सिंह की अध्यक्षता में वर्ष 2024 का थीम “बहुभाषी शिक्षा – अंतर-पीढ़ीगत शिक्षा का एक स्तंभ है” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता के तौर पर निर्मल दुबे, सहायक निदेशक, क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय (पूर्व क्षेत्र), राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय ने वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़कर संबोधित किया। ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर आंचलिक प्रबंधक संजीव कुमार सिंह ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम मौलिक रूप से अपनी मातृभाषा में ही सोचते हैं और विचार करते हैं इसलिए अपने घर, समाज और कार्यालय में बेहिचक अपनी मातृभाषा का प्रयोग करना चाहिए। नरेंद्र कुमार दास, उप आंचलिक प्रबंधक ने संबोधित करते हुए कहा कि जिस भाषा में हम अपनी मां से बात करते हैं या जो हम पहली भाषा सीखते हैं वही हमारी मातृभाषा कहलाती है। एक ही स्थान या एक ही परिवार में होने के बावजूद भी हम सभी की मातृभाषा या मातृबोली अलग-अलग हो सकती है। जरुरी नहीं की जो मेरी मातृभाषा है वही मेरे बच्चों की भी हो। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के अनुसार हर दो सप्ताह में एक भाषा विलुप्त हो जाती है जिसके कारण विश्व एक पूरी सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत खोते जा रहा है।
कार्यक्रम का संचालन राजेश यादव, प्रबंधक (राजभाषा) और धन्यवाद ज्ञापन श्री दिनेश कुमार यादव, मुख्य प्रबंधक, सतर्कता विभाग द्वारा किया गया।
इस खास अवसर सभी प्रतिभागियों की उपस्थिति में उप आंचलिक प्रबंधक नरेंद्र कुमार दास के कर-कमलों से ई-पत्रिका का विमोचन किया गया
मौके पर डाॅ. नीरज कुमार चतुर्वेदी, अनुराग वर्मा, जेम्मा टोप्पो, संतोष मेहता, रंजीता गोप, प्रियंका वर्धन, सुषमा कुमारी, श्री कौशल किशोर, नजमुल होदा, अनिल कुमार, पल्लवी कुमारी, खुशबू तिवारी, स्नेहा कच्छप, प्रदीप चटर्जी, नितेश कुमार, शिल्पी भाटिया, प्रियंका कुमारी, मिक्की जॉन सोय समेत आंचलिक कार्यालय और शाखाओं से स्टाफ उपस्थित थे।

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