वर्कशॉप के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री डॉ राजकुमार शर्मा ने बताया की दिल्ली के जाने-माने प्रसिद्ध यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर एस. के. पाल ने अपनी अनोखी तकनीक से, जिसे हम पीसीएनएल (PCNL) कहते हैं , एक बड़े पत्थर को किडनी से निकाल दिखाएl हैदराबाद के प्रसिद्ध यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर चंद्र मोहन बड्डी ने एक लचीले दूरबीन से RIRS पद्धति के द्वारा किडनी में स्थित तीन पत्थर को एक साथ निकालकर दिखाए | इसके अलावा पंजाब के डॉक्टर तनुज पॉल भाटिया, जम्मू के डॉक्टर राहुल गुप्ता, बेंगलुरु के डॉक्टर अरुण चावला, उड़ीसा के डॉक्टर समीर स्वाइन जमशेदपुर के डॉक्टर हरप्रीत सिंह ने ऑपरेशन कर जॉन के बाकी यूरोलॉजिस्ट को दिखाए ताकि नई तकनीक सीख सके और मरीज की बेहतर से बेहतर तरीके से इलाज की जा सके
इन तकनीक से पेशेंट में कोई बड़ा चीर नहीं दिया जाता है जिससे मरीज को ऑपरेशन के बाद दर्द काफी कम के बराबर होती है, मरीज को ज्यादा दिन तक अस्पताल में भर्ती नहीं रखा जाता है उन्हें एक से दो दिन में छुट्टी दे दी जाती है और मरीज में बड़ा चीर ना होने के कारण मरीज को कष्ट काफी कम होती हैl पीसीएनएल एवं आर ए आर एस दोनों एक प्रसिद्ध तकनीक है जो काफी प्रचलित है किडनी स्टोन को कारगर तरीके से निकलने के लिए l इस वर्कशॉप में ईस्ट जोन के प्रेसीडेंट डॉ रणवीर प्रसाद सिंह एवं सेक्रेटरी डॉ रंजन दे भी मौजूद थे इसके अलावा चीफ गेस्ट डॉक्टर दिलीप कर्मकार कोलकाता से एवं गेस्ट ऑफ ऑनर डॉक्टर जी जी लक्ष्मण प्रभु मंगलौर से उपस्थित हुए इसके अलावा रांची के प्रसिद्ध डॉक्टर अरविंद अग्रवाल डॉक्टर प्रेम कुमार डॉ अनूप साहू डॉ एमके सेनापति डॉ अशोक गुप्ता डॉ प्रशांत ,डॉक्टर शैलेंद्र मोहन, डॉ पंकज कुमार एवं अन्य डॉक्टरों ने शिरकत की
इस वर्कशॉप में इस वर्कशॉप में देश के और अपने ईस्ट जोन के 100 से भी ज्यादा यूरोलॉजिस्ट ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और इस वर्कशॉप को सफल बनाया.