भारतीय संस्कृति की जीवंत और विविधतापूर्ण भावना सरला बिरला पब्लिक स्कूल, राँची में उस समय पूर्ण रूप से अभिव्यक्त हुई जब विद्यार्थियों ने उत्साह, सृजनशीलता और सामूहिक सौहार्द के साथ दीपावली एवं छठ पर्व का उल्लासपूर्ण उत्सव मनाया।
विद्यालय परिसर में आयोजित यह समारोह परंपरा, आनंद और एकता का सुंदर संगम था। उत्सव की शुरुआत एक विशेष प्रार्थना सभा से हुई, जिसमें विद्यार्थियों ने दोनों पर्वों के महत्व पर प्रकाश डाला। दीपावली, जो रोशनी और सद्भाव का पर्व है, उसकी ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्ता के साथ-साथ सूर्य देव एवं छठी मैया को समर्पित छठ पूजा के जीवनदायिनी संदेश को विद्यार्थियों ने अत्यंत प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।
विद्यालय का वातावरण दीपों की रोशनी और आकर्षक साज-सज्जा से आलोकित हो उठा। पूरे परिसर को हस्तनिर्मित रंगोलियों, सजे हुए दीयों और रंग-बिरंगे पुष्पों से सजाया गया था, जिससे विद्यालय एक सजीव उत्सव स्थल में परिवर्तित हो गया। विभिन्न सदनों के बीच आयोजित रंगोली, दीप सज्जा, पुष्प सज्जा और सलाद निर्माण प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने अपनी कल्पनाशीलता और कलात्मक कौशल का अद्भुत प्रदर्शन किया। विशेष रूप से, प्राकृतिक एवं पर्यावरण–अनुकूल रंगों से निर्मित रंगोलियाँ आकर्षण का केंद्र रहीं, वहीं दीप सज्जा प्रतियोगिता ने पूरे वातावरण में सौंदर्य, उमंग और उल्लास का संचार किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम इस आयोजन का मुख्य आकर्षण रहा। विद्यार्थियों ने मनमोहक शास्त्रीय एवं लोकनृत्य प्रस्तुत किए, जिनमें छठ पर्व की परंपरागत विधियों और भावनाओं का सजीव चित्रण देखने को मिला। विद्यालय के क्वायर समूह ने दीपावली और छठ को समर्पित मधुर गीतों एवं भजनों की प्रस्तुति देकर शांति, समृद्धि और श्रद्धा का संदेश पूरे वातावरण में गुंजायमान कर दिया।
सामाजिक एकता और सद्भाव का परिचय देते हुए विद्यालय ने राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय के विद्यार्थियों को भी इस उत्सव में सम्मिलित होने हेतु आमंत्रित किया। दोनों विद्यालयों के विद्यार्थियों ने मिलकर विविध प्रतियोगिताओं एवं गतिविधियों में भाग लिया, आनंद साझा किया और एक-दूसरे को शुभकामनाएँ दीं। यह दृश्य दीपावली के “अंधकार पर प्रकाश की विजय” तथा छठ के “प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और श्रद्धा” के संदेश का सजीव उदाहरण प्रस्तुत कर रहा था।
विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती मनीषा शर्मा ने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के उत्कृष्ट प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत को समझने और सम्मानित करने का अवसर प्रदान करते हैं, बल्कि विद्यार्थियों में एकता, कृतज्ञता और पर्यावरण चेतना जैसे जीवन मूल्यों को भी विकसित करते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे इन मूल्यों को सदैव अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाएं।
यह उत्सव सभी के लिए एक प्रेरणादायक और अविस्मरणीय अनुभव सिद्ध हुआ, जिसने प्रत्येक हृदय में सांस्कृतिक गर्व, सामाजिक एकता और भारतीयता के प्रति नई आस्था का दीप प्रज्वलित कर दिया।
