सानंद वर्मा ने छठ पूजा से अपने गहरे लगाव के बारे में बताया

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मुंबई, सानंद वर्मा को एण्डटीवी के शो ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में अनोखेलाल सक्सेना की अनोखी और मजेदार भूमिका निभाने के लिये जाना जाता है। सानंद के मन में छठ पूजा के लिये बड़ी श्रद्धा है और यह त्यौहार उन्हें बहुत पसंद भी है। सानंद बिहार के हैं और छठ पूजा को सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भक्ति, शुद्धि एवं सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव मानते हैं। पारंपरिक पृष्ठभूमि के परिवार से आने के कारण उनका मानना है कि यह त्यौहार लोगों और समाज के साथ जुड़ाव को मजबूत बनाता है। हाल ही में एक बातचीत के दौरान उन्होंने अपने मन की बात बताई और छठ पूजा मनाने का तरीका भी बताया।

छठ पूजा के साथ आपकी भावनाएं किस तरह से जुड़ी हैं?

छठ पूजा के दौरान सब-कुछ बदल जाता है। शहर और कस्बे तरोताजा और साफ-सुथरे दिखाई देते हैं। पूरा समाज एकजुट हो जाता है और त्यौहार का महत्व बढ़ाने के लिये अपने-अपने तरीकों से योगदान देता है। गरीबों को भोजन कराया जाता है, गलियों की सफाई में मदद की जाती है और गंगा नदी की सफाई में भी हिस्सा लिया जाता है। माहौल बहुत ही सकारात्मक हो जाता है और सारी नकारात्मकता गायब हो जाती है। मैं जब भी छठी मैया के गीत सुनता हूँ, तब मेरी आँखों में आंसू आ जाते हैं। छठी मैया का प्रसाद खाने से ऐसा लगता है मानो अमृत मिल रहा हो। छठ पूजा के दौरान मुझे सचमुच शुद्धता की अनुभूति होती है।

क्या आपके परिवार का कोई व्यक्ति छठ पूजा करता है?

हाँ, मेरे रिश्तेदार छठ पूजा करते हैं। मेरी माँ भी छठ करना चाहती थी, लेकिन यह त्यौहार मेहनत मांगता है और इसमें बड़े जतन तथा भक्ति करनी पड़ती है। अब मेरी माँ की उम्र ज्यादा हो चुकी है और हमारे घर की परिस्थितियों को देखते हुए, मैंने वह जिम्मेदारी नहीं ली है। इस तरह मैंने हमेशा अपने परिजनों के साथ छठ पूजा मनाई है।

यूपी और बिहार की तुलना में मुंबई का छठ पूजा उत्सव कितना अलग होता है?

मुंबई का उत्सव बिहार या उत्तर प्रदेश से अलग तो होता है, लेकिन यहाँ भी भक्ति और गंभीरता देखने लायक होती है। मुंबई के लोग छठ पूजा को लेकर बड़े जागरूक रहते हैं और जुहू बीच जैसी जगहों पर उत्सव का आयोजन होता है। जुहू के छठ पूजा उत्सव में भाग लेने के लिये मुझे कई बार आमंत्रण मिल चुके हैं।

छठ पूजा का प्रसाद अनोखा होता है। इनमें आपका फेवरेट क्या है?

छठ पूजा के लिये मेरा फेवरेट प्रसाद यकीनन ठेकुआ है। यह एक पारंपरिक मिठाई है, जो गेहूं के आटे, गुड़ और घी से बनती है। सुनहरी रंगत आने तक इसे डीप-फ्राय किया जाता है और इसे खाकर बड़ी खुशी मिलती है। ठेकुआ का छठ पूजा के त्यौहार में विशेष महत्व होता है और इसका जबर्दस्त, मीठा स्वाद बहुत ललचाता है। ठेकुआ स्वादिष्ट तो होता ही है, उसमें भक्ति और प्यार भी भरा होता है, जो उसे तैयार करने में आ जाता है। इस विशेष प्रसाद का आनंद लिये बिना मेरी छठ पूजा अधूरी होगी।

अपने चहेते कलाकार सानंद वर्मा को ‘भाबीजी घर पर हैं’ में देखिये रात 10:30 बजे,

हर सोमवार से शुक्रवार सिर्फ एण्डटीवी पर!

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