झारखंड के मुट्ठी भर उलेमा इमारत ए शरिया की बुनियाद नहीं हिला सकते मौलाना शमशाद रहमानी

Spread the love

रांची: इमारत शरिया बिहार उड़ीसा झारखंड एक, इसमें कोई विभाजन नहीं। झारखंड इमारत शरिया अलग नही हुआ है। इमारत शरिया कोई संगठन नही, यह एक फिक्र और विचार धारा का नाम है। चंद उलेमा के कहने से इमारत शरिया अलग नही हो सकती। उक्त बातें मौलाना मो शमशाद रहमानी नायब अमीर ए शरीयत बिहार उड़ीसा झारखंड, मुफ्ती सनाउल होदा कासमी नायब नाजिम इमारत शरिया, मुफ्ती वसी अहमद कासमी नायब काज़ी ए शरीयत पटना, मुफ्ती मो सोहेल अख्तर कासमी नायब काज़ी पटना, मुफ्ती मोहम्मद अनवर कासमी काज़ी ए शरीयत रांची ने संयुक्त रूप से कहीं। वह आज दिनांक 2 जनवरी 2024 को करबला टैंक रोड स्थित इमारत शरिया के कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि इमारत ए शरिया 1921 ईस्वी में बनाई गई है। जिसके कुल 87 कार्यालय है ,जिसमें झारखंड के 24 जिलों में 16 जिलों में इमारत ए शरिया का कार्यालय है। उन्होंने कहा कि बदगुमानी जो समाज में फैलाई जा रही है, उसे दूर करने के उद्देश्य से यह प्रेस कांफ्रेंस आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा सुरसा मुडमा रांची के इजलास में गलत तरीके से इमारत ए शरिया को अलग करने की बात सामने आई। जबकि उसी इजलास के संयोजक ने इस फैसले से पूरी तरह से इनकार कर दिया। इमारत शरिया कोई अलग नहीं हुआ है। इमारत ए शरिया की खिदमत पूरे मुल्क में 103 साल से काम कर रही हैं। इमारत ए शरिया मुल्क के तहफ्फुज, शिक्षा, स्वास्थ्य, समेत कई क्षेत्रों में लगातार काम कर रही है । जब भी देश पर में कोई आपदा, कानून का मामला या कोई भी मामला हो इमारत ए शरिया हमेशा काम करने के लिए आगे रहती है। उन्होंने कहा कि इमारत ए शरिया बिहार, झारखंड का हिस्सा था और हिस्सा रहेगा। ऐसा कहना कि बिहार में ज्यादा खर्च और झारखंड में कम खर्च इमारत ए शरिया के द्वारा किया जा रहा है यह बिलकुल गलत है। झारखंड से आमदनी वार्षिक 76 लाख रुपया है जबकि इमारत ए शरिया ने झारखंड में एक करोड़ तीन लाख रुपए खर्च किए हैं। आगे कहा कि हमने इमारत ए शरिया बिहार झारखंड और उड़ीसा एक ही नजर के साथ देखा है। फुलवारी शरीफ के बाद झारखंड के रांची में ही इमारत ए शरिया का दूसरा कार्यालय 1971 में खोला गया। जबकि उस समय झारखंड अलग नहीं हुआ था। इमारत ए शरिया ने झारखंड में सबसे पहले अपना स्कूल खोला। झारखंड के इरबा, नगड़ी, गोड्डा और गिरिडीह में स्कूल चल रहा है। बिहार में मुस्लिम की आबादी एक करोड़ 76 लाख (88%)और झारखंड में मुसलमान की आबादी 48 लाख मुस्लिम (21%) की आबादी है। आबादी के हिसाब से इमारत ए शरिया झारखंड में कई क्षेत्रों में बिहार से ज्यादा काम हुए और लगभग हर क्षेत्र में बराबर काम हो रहा है। इमारत ए शरिया की कुल 11 स्कूल जिसमे चार स्कूल बिहार और चार स्कूल झारखंड में है। झारखंड में 16 दारुल कजा के दफ्तर कम कर रहे हैं। झारखंड में 175 बेवा को इमारत ए शरिया लगातार वजीफा दे रही है। इस मौके पर मौलाना शोएब अख्तर साकीबी, मौलाना कारी अंसारुल्लाह कासमी, मौलाना एकरामुल हक आयनी, शहर काजी मुफ्ती कमर आलम कासमी, मौलाना अब्दुल कय्यूम बालसोकरा, हाफिज तजम्मुल हुसैन बीजू पाड़ा, हाफिज अब्दुल अजीज पंडरी, मुफ्ती अबू दाऊद कासमी, मौलाना नूरुल इस्लाम धनबाद समेत कई लोग मौजूद थे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *