रांची : झारखंड सरकार पिछड़ा समाज के हक को छिनने की नीयत से नगर निकाय चुनावों को टाल रही है,बगैर ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव करवा चुकी वर्तमान झारखंड सरकार नगर निकायों का चुनाव भी बगैर ओबीसी आरक्षण के करवाना चाहती थी,मगर कोर्ट के आदेश के बाद सरकार की ये मंशा सफल नहीं हो सकी..सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्रिपल टेस्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे बड़े राज्यों ने तत्परता दिखाते हुए अपनी-अपनी राज्यों में नगर निकाय के चुनाव संपन्न भी करवा दिए मगर वर्तमान झारखंड सरकार लगातार बदनियत से इसे टालने का प्रयास कर रही है,जब 24 करोड़ की आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश ने इतनी जल्दी ट्रिपल टेस्ट करवा कर नगर निकाय का चुनाव सम्पन्न भी करवा दिया तो भला सवा तीन करोड़ की आबादी वाले राज्य झारखंड में इतनी देरी क्यों हो रही है..? झारखंड सरकार ने जान बूझकर पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष के पद पर एक ऐसे व्यक्ति का चयन किया जो निमयानुसार अयोग्य था,कहीं ना कहीं ये सरकार की मंशा व दुर्भावना को दर्शाता है और इससे यह साफ-साफ प्रतीत होता है की वर्तमान झारखंड सरकार पिछड़ा समाज के हक को मार कर नगर निकाय के चुनाव को लटकाना व टालना चाहती है और अधिकारियों के माध्यम से नगर निकायों को अपने मनमाने ढंग से चलाना और अवैध वसूली का अड्डा बनाना चाहती है..नगर निकाय चुनाव में हो रही देरी की वजह से आम जनता काफी परेशान है,छोटे-छोटे कामों के लिए भी उन्हें अधिकारियों के यहां चक्कर लगाना पड़ रहा है..झारखंड की जनता सब देख और समझ रही है मुख्यमंत्री जी,याद रखियेगा सही समय आने पर आपको सबका जवाब देगी.