HMPV Virus- डरने की नहीं, सजग रहने की जरूरत

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रांची, : कोविड-19 महामारी से दुनियाभर में लंबा लॉकडाउन लगा रहा और लाखों लोगों की मौत भी हुई। लगभग 4 साल बाद इस महामारी से उबरने के बाद चैन की सांस ली ही थी कि अब एक और वायरस ने दुनियाभर में चिंताएं बढ़ा दी हैं। दरअसल, रिपोर्ट्स बताती हैं कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप के चार साल बाद एक और महामारी से जूझ रहा है। इस महामारी का कारण एक वायरस है जिसका नाम है, ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV)।
मेदांता हॉस्पिटल रांची की सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर देबदत्ता ने बताया की (HMPV) वायरस खांसने या छींकने से निकलने वाले ड्रापलेट्स, हाथ मिलाने, किसी को स्पर्श करने, नजदीकी संपर्क में आने, दूषित सतहों पर हाथ लगाने, मुंह, नाक या आंखों को छूने से फैलता है।
डॉ. देबदत्ता, मेदांता रांची के अनुसार, खांसी और बहती हुई नाक, बुखार, गले में खराश, गले में जलन या कुछ मामलों में सांस लेने में कठिनाई ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के सामान्य लक्षण हैं। कुछ मामलों में संक्रमण ब्रोंकाइटिस, निमोनिया या अस्थमा के लक्षणों में भी तब्दील हो सकता है।
किन लोगों को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का जोखिम अधिक?
मेदांता हॉस्पिटल, रांची के मुताबिक, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, शिशु, वृद्ध और विशेषकर 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग, कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग, अस्थमा या सीओपीडी जैसी श्वसन समस्याओं वाले व्यक्तियों को इसका अधिक जोखिम है।
प्रेग्नेंसी के दौरान एचएमपीवी के कारण श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं जो मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकती हैं।
कितना खतरनाक है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV)?
अधिकांश संक्रमण 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में हुआ, जिनमें से कई मामलों में उनकी गंभीरता के कारण अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ी। इन लक्षणों में लगातार खांसी और बुखार से लेकर ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया जैसी अधिक गंभीर स्थितियां शामिल थीं। अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों से इसकी समानता के कारण इसकी पहचान और इलाज मुश्किल हो सकता है।
COVID-19 और HMPV में कितनी समानता है?
कोरोना वायरस डिसीज या COVID-19 एक संक्रामक रोग है जो SARS-CoV-2 वायरस के कारण होता है। HMPV वायरस और SARS-CoV-2 वायरस कुछ मायनों में समान हैं। जैसे, HMPV भी सभी उम्र के लोगों में श्वसन संबंधी बीमारी का कारण बनते हैं और कोरोना वायरस भी इसी तरह से फैलता था। ये दोनों वायरस छोटे बच्चों, वृद्धों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को अधित तेजी से संक्रमित कर सकते हैं।
डॉ. देबदत्ता, मेदांता हॉस्पिटल ने चीन में HMPV को लेकर हो रही चिंताओं के बीच भारत पर जोखिम के बारे में बात करते हुए कहा कि मौजूदा स्थिति को लेकर घबराने की कोई बात नहीं है। बस लोगों को सामान्य सावधानी बरतने की जरूरत है।
डॉ. देबदत्ता ने आगे कहा, ‘हमने देश के भीतर श्वसन संबंधी बीमारियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया है। 2024 के आंकड़ों में ऐसी कोई बड़ी वृद्धि नहीं है। सर्दियों के दौरान श्वसन संक्रमण के मामले अधिक आते हैं और हमारे अस्पताल आवश्यक जरूरतों और बिस्तरों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।’
मैं जनता से सामान्य सावधानी बरतने का अनुरोध करना चाहती हूं, जिसका अर्थ है कि जिन लोगों को खांसी और जुकाम है, उन्हें इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए अन्य लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए और सर्दी और बुखार के लिए निर्धारित सामान्य दवाएं लेनी चाहिए। वर्तमान स्थिति को लेकर चिंतित होने की कोई बात नहीं है।
अपने हाथों को साबुन और पानी कम से कम 20 सेकेंड तक धोएं। साबुन और पानी उपलब्ध न हो तो अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें। ऐसे व्याक्तियों से दूर रहें जिनमें श्वसन संबंधी बीमारी के लक्षण दिखें। बार-बार छूई जाने वाली सतहों, जैसे कि दरवाजे के हैंडल, फोन और काउंटरटाॅप्स को साफ करते रहें। संक्रमण फैलने वाले य फ्लू के मौसम के दौरान मास्क पहनने से श्वसन बूंदों के संपर्क कम करने में मदद मिल सकती है। यदि आपमें कोई लक्षण हों तो टेस्ट कराएं और डाॅक्टर से संपर्क करें।

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