जासूसी के आरोप में अगस्त 2022 से थे कतर की जेल में बंद, निचली अदालत ने सुनाया था फांसी का फरमान

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कतर में फांसी की सजा पाने वाले Indian Navy के आठों कर्मी रिहा हो गए हैं। इनमें से 7 को सकुशल भारत ले आया गया है। इन पूर्व नौसैनिकों की रिहाई को भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है। भारत सरकार ने इनकी रिहाई पर खुशी जताई है।

इन्हें कतर की एक अदालत ने जासूसी के आरोप में अक्टूबर 2023 में फांसी की सजा सुनाई थी।

विदेश मंत्रालय के अनुसार सजा पाए आठ में से सात भारतीय नागरिक वापस भारत लौट आए हैं। इन्हें कतर की एक अदालत ने जासूसी के आरोप में अक्टूबर 2023 में फांसी की सजा सुनाई थी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि हम अपने नागरिकों की रिहाई और घर वापसी के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं।

पनडुब्बी परियोजना की जासूसी करने का था आरोप
Indian Navy के इन पूर्व कर्मियों को अगस्त 2022 में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। ये सभी दोहा स्थित अल दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजिज में काम करते थे। इनके ऊपर पनडुब्बी परियोजना की जासूसी करने का आरोप लगाया गया था। लेकिन इनके ऊपर लगाए गए आरोपों को कभी सार्वजनिक नहीं किया गया था।

इन्हें एक साल से अधिक समय तक जेल में रखने के बाद अक्टूबर 2023 में कतर की निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।

बता दें कि अल दाहरा ग्लोबल कंपनी कतर के सैन्य बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण एवं अन्य सेवाएं उपलब्ध करवाती है। इन आठों कर्मियों को यहीं से जासूसी के आरोप में हिरासत में लिया गया था। इन्हें एक साल से अधिक समय तक जेल में रखने के बाद अक्टूबर 2023 में कतर की निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।

Indian Navy Officials
देश के साथ ही भारत सरकार भी रह गई थी हैरान
कतर की अदालत की ओर से Indian Navy के इन पूर्व कर्मियों को मौत की सजा सुनाने के फैसले पर भारत के नागरिकों सहित केंद्र सरकार भी हैरान रह गई थी क्योंकि कतर ने इस संबंध में पहले कोई जानकारी नहीं दी थी। इनके परिजनों की ओर से इनकी रिहाई और सुरक्षित वापसी की गुहार लगाई जा रही थी।

इसके बाद विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि वह सभी राजनयिक चैनलों का उपयोग करके इन्हें कानूनी सहायता उपलब्ध करवाएगा। भारत ने कतर की अदालत के इस फैसले के खिलाफ जोरदार अपील की थी। सरकार के प्रयासों से बाद में इन आठों कर्मियों की फांसी की सजा को खत्म कर दिया गया था।

India Qatar Relations

पीएम मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी की हुई थी मुलाकात
सूत्रों का कहना है कि Indian Navy के इन पूर्व कर्मियों की सजा को खत्म करने के पीछे भारत और कतर के बीच पहले से चले आ रहे बेहतर रिश्तों की बड़ी भूमिका रही है। यह भी कहा जा रहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी के बीच दुबई में हुई मुलाकात ने भी इनकी रिहाई का रास्ता साफ किया है।

बता दें कि पिछले 1 दिसंबर को पीएम मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी के बीच दुबई में कॉप-28 सम्मेलन के दौरान मुलाकात हुई थी। इस दौरान पीएम मोदी ने कतर में रहने वाले भारतीय समुदाय के बारे में अमीर से बात की थी। कहा जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद इन आठों कर्मियों की फांसी की सजा समाप्त करने और फिर उनकी रिहाई का रास्ता साफ हुआ है।

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