▪️ पिछले 5 साल में सबसे कम हुआ रुक्का डैम में पानी का भंडारण
▪️ हटिया एवं गोंदा डैम में भी पानी का अपेक्षित कम भंडारण
▪️ भादो में भी नहीं हुई बारिश तो जल संकट के आसार
कमजोर मॉनसून का असर अब सीधे तौर पर राजधानी रांची के जलाशयों में पानी के भंडारण पर दिखने लगा है. इस बार रांची के तीनों डैम में अपेक्षित बहुत कम पानी का भंडारण हुआ है. सबसे खराब स्थिति शहर के 90 प्रतिशत से अधिक इलाके में वाटर सप्लाई करने वाले रुक्का डैम की है. जहां पर पिछले पांच सालों की तुलना में 1 सितंबर तक सबसे कम पानी का भंडारण हुआ है. इतना ही हटिया एवं गोंदा डैम में भी पानी का अपेक्षित कम भंडारण हुआ है. वाटर सप्लाई के लिहाज से स्थिति अच्छी नहीं है. दो महीने के सावन में मॉनसून बहुत कमजोर रहा. बहुत कम बारिश हुई. अगर यही हाल भादो का रहा, तो आने वाली गर्मी में इस बार भीषण जलसंकट के आसार बनते दिख रहे हैं. संभवत : जनवरी से ही जलसंकट की नौबत उत्पन्न हो जाएगी. यही हाल राज्य के अन्य जिलों के जलाशयों का भी है. इस बार किसी भी जलाशय से ओवर फ्लो की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई और न फाटक खोलने की नौबत आई. अगर बारिश की बात करें तो ओवर ऑल झारखंड में 31 अगस्त तक 37 प्रतिशत और रांची में 40 प्रतिशत कम बारिश हुई है. यानी की वाटर सप्लाई के लिहाज से स्थिति अच्छी नहीं है.