लोहरदगा: लोहरदगा जिले के किस्को बाजार टाँड़ के समीप में रविवार को खिदमते खल्क हाजी कमेटी लोहरदगा झारखंड का सालाना मिलन समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी सदारत केंद्रीय कमेटी के सदर हाजी मो आलम अंसारी ने की। जिसमें मुख्य रुप से कमेटी के सरपरस्त हाजी शमसुद्दीन अंसारी, सेक्रेटरी हाजी यूसुफ अंसारी, हाजी हसीबुल्लाह, हाजी कयामुद्दीन सहित अन्य मौजूद रहे। प्रोग्राम की शुरुआत तिलावते कलाम पाक व नातिया कलाम से किया गया। इस कार्यक्रम में झारखंड के कई जिलों से हाजी हजरात शिरकत फरमाएं। जिसका इस्तक़बाल माला पहना कर किया गया। इसके बाद हाजी कमेटी ने किस्को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर स्वास्थ्य केंद्र में इलाजरत मरीजों के बीच फल वितरण किया। साथ ही मदरसा मिस्बाहुल उलूम में बच्चों के बीच साफ सफाई को ध्यान में रखते हुए साबुन बांटा गया। जबकि गरीबों एवं बेवाओं को मदद पहुंचाने के उद्देश्य से मच्छरदानी वितरण किया गया। प्रोग्राम के दरमियान कमेटी की मजबूती पर चर्चा करते हुए अन्य हाजियों को कमेटी से जोड़ने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा गरीबो को मदद पहुंचाने के साथ-साथ गरीब लड़कियों की शादी कराने के लिए कमेटी ने बढ़-चढ़कर मदद करने पर चर्चा की। जिसमें हाजी हसीबुल्लाह ने कहा कि आगामी 12 नवम्बर 2024 को कमेटी के माध्यम से गरीब लकड़ी की शादी कराई जा रही है। इसके अलावा समाज में फैली बुराइयों को दूर करने और अच्छाइयों की ओर लोगों को प्रेरित करने का निर्णय लिया गया। मौके पर कमेटी के सरपरस्त हाजी समसुद्दीन अंसारी ने शिद्दत की गर्मी के बावजूद भी हाजी हजरात प्रोग्राम में शामिल होकर लोगों की खिदमत करने का जज्बा को बता दिया। उन्होंने कमेटी के विस्तार पर चर्चा करते हुए कहा कि कमेटी गरीब, बेसहारा, दिव्यांग एवं बेवा औरतों को मदद करना ही असली समाज सेवा है। उन्होंने कहा खिदमते खल्क हाजी कमेटी लोगों की मदद के लिए ही बनाया गया है। औऱ समाज के वंचित अपेक्षित वर्ग के लोगों को हर तरह से कमेटी की ओर से मदद करने का कार्य लगातार किया जा रहा है। चाहे गरीब की बेटी की शादी हो या फिर गरीब का इलाज कराना हो। सभी कार्यों में खिदमते खल्क हाजी कमेटी बढ़-चढ़कर मदद कर रही है। आगे भी लोगों के मदद के लिए पहल करने का कार्य किया जाएगा। प्रोग्राम के अंत में सलातो सलाम व फातिहा ख्वानी के साथ देश की सलामती व अमनों अमान की दुआ की गई। मौके पर मौलाना ऐनुल हक, मौलाना वसीम अहमद रजवी, हाफिज खुर्शीद, हाजी अबुतालिब, हाजी अजीज़ आज़ाद, हाजी सज्जाद अंसारी, शकील अंसारी, अल्ताफ़ अंसारी, शराफ़त अंसारी, सफीर अंसारी, जुम्मन अंसारी, वहाब अंसारी, हज्जिन शकीला खातून, सायरा, नूरजहां, खुर्शीदा सहित अन्य मौजूद रहे।