आज 23 जनवरी 2024 को रांची से लोहरदगा संसदीय क्षेत्र के लिए “लोकतंत्र बछाबअना (नम्हैं झारखंड, नम्हैं राजी)” यात्रा निकली. लोकतंत्र बचओ 2024 अभियान द्वारा 23-26 जनवरी 2024 को लोहरदगा संसदीय क्षेत्र में यह यात्रा की जाएगी. यह यात्रा 2024 लोकसभा चुनाव में झारखंड, देश, लोकतंत्र और संविधान को बचाने की जन संपर्क यात्रा है.
यात्रा लोहरदगा के विभिन्न प्रखंडों से होकर गुमला के विभिन्न प्रखंडों में जाएगी। इस दौरान जन सभाओं और जन संपर्क कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। यात्रा में लोगों को केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों के विषय में जागरूक किया जाएगा। दस सालों में आदिवासी-मूलवासियों एवं उनके जल, जंगल, ज़मीन और खनिज पर विशेष हमले हुए हैं. मणिपुर में आदिवासियों, खासकर के महिलाओं पर हुई राज्य प्रायोजित हिंसा ने आदिवासियों के प्रति भाजपा और मोदी सरकार के सोच को उजागर कर दिया है. आरएसएस व भाजपा द्वारा आदिवासियों की एकता को तोड़ने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपनाएं जा रहे हैं. आदिवासियों को धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश की जा रही है.
मोदी सरकार देश को बेच कर अडानी-अम्बानी और चंद कॉर्पोरेट के हवाले कर दे रही है. ऊपर से मनमाने ढंग से थोपी हुई नोटबंदी,लॉकडाउन, महंगाई, बेरोज़गारी, कम मजदूरी दर, कुपोषण, कमज़ोर शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था ने मेहनतकश जनता का जीना मुश्किल कर दिया है.
लोहरदगा , गुमला जैसे हमारे झारखंड के क्षेत्र खनिजों और अन्य प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर होने के बावजूद बड़े पैमाने पर पलायन के लिए मजबूर हैं. पलायन करनेवालों के दर्दनाक दास्तान विकास के फरमानों का सच बताते हैं. स्थानीय स्तर पर संसाधनों का लाभ न मिलना , स्थानीय स्तर पर रोजगार न होना ही पलायन का सबसे बड़ा कारण है. और इसकी असल जिम्मेदार केन्द्र सरकार की नीतियां हैं.
यात्रा में 2024 लोकसभा चुनाव के महत्त्व पर चर्चा की जाएगी और इस चुनाव में लोगों को अपने जल, जंगल, जमीन, झारखंड, देश, संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके लिए पर्चा बांटा जाएगा।