सरला बिरला पब्लिक स्कूल, राँची में 11 नवम्बर को आरंभ हुई दो दिवसीय सीबीएसई क्षेत्रीय विज्ञान प्रदर्शनी 2025-26 का आज, 12 नवम्बर को, उत्साह, ऊर्जा और नवाचार के वातावरण में भव्य समापन हुआ। ‘विकसित एवं आत्मनिर्भर भारत के लिए स्टेम’ विषय पर आधारित इस प्रदर्शनी में क्षेत्र के 45 से अधिक विद्यालयों के विद्यार्थियों ने भाग लिया और अपनी वैज्ञानिक जिज्ञासा, रचनात्मकता तथा नवोन्मेषी सोच का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ गणमान्य अतिथियों के स्वागत एवं सम्मान के साथ हुआ। इसके पश्चात विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत गणेश वंदना ने पूरे वातावरण को भक्ति और सौंदर्य से भर दिया। विद्यालय के क्वायर दल द्वारा प्रस्तुत प्रेरक गीत “नया सवेरा” ने नवाचार, प्रगति और नई संभावनाओं का सुंदर संदेश दिया।
आयोजक विद्यालय सरला बिरला पब्लिक स्कूल ने पूरे आयोजन में उत्कृष्ट प्रबंधन, गरिमामय आतिथ्य और सुसंगठित व्यवस्था का परिचय दिया, जिससे सहयोग, अनुसंधान और वैज्ञानिक अन्वेषण की भावना को बल मिला।
समारोह के सांस्कृतिक कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक लोकनृत्य “जिजिया” ने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और लोककला की विविधता को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया। निर्णायकों ने विद्यार्थियों के प्रदर्शनों की मौलिकता, व्यवहारिकता और वैज्ञानिक दृष्टि की सराहना करते हुए उन्हें विज्ञान की दुनिया में और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
इसके उपरांत प्रदर्शनी में राष्ट्रीय स्तर प्रतियोगिता के लिए चयनित टीमों की घोषणा की गई और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों को उनकी रचनात्मकता, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और अभिनव प्रस्तुति के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन एवं राष्ट्रीय गान के साथ हुआ।
विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती मनीषा शर्मा ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि यह प्रदर्शनी समग्र शिक्षा का उत्कृष्ट उदाहरण है, जहाँ जिज्ञासा का संगम सृजनशीलता से होता है। उन्होंने विद्यार्थियों से विज्ञान को केवल विषय न मानकर जीवन की दृष्टि के रूप में अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि “आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी साकार होगा जब हमारे युवा अपनी जिज्ञासा को ऐसे नवाचारों में परिवर्तित करें जो समाज और राष्ट्र के विकास में सार्थक योगदान दें।”
