रांची : भारतीय जनता पार्टी के धनबाद लोकसभा क्षेत्र के लिए घोषित उम्मीदवार ढुल्लू महतो पर संगीन अपराधों में दायर 49 मुकदमों की सूची संलग्न है। इसमें से 21 मुकदमे भारतीय दंड विधान की धारा-307 एवं अन्य संज्ञेय अपराधों में, 13 मुकदमा रंगदारी और दबंगई से संबंधित भारतीय दंड विधान की धारा-384, 385 तथा 15 मुकदमा आर्म्स एक्ट और एक्सप्लोसिव एक्ट के विभिन्न धाराओं में दायर किये गये हैं। इन सब की सूची साफ्ट कॉपी में संलग्न है। इन मुकदमों में से चार मुकदमें यथा- बाघमारा विधानसभा क्षेत्र के महुदा थाना कांड संख्या 242/2005 में एक साल की सजा, 25 फरवरी 2016 को बाघमारा (बरोरा) थाना कांड संख्या-307/2006 में एक साल की सजा, 20 जनवरी, 2016 को बाघमारा (बरोरा) थाना कांड संख्या-133/2006 में 12.07.2018 को एक साल की सजा और कतरास थाना कांड संख्या-120/2013 में 18 माह (1.5 साल) की सजा 09 अक्टूबर, 2019 को हुआ। इन चार कांडों में ये एक सजायाफ्ता अभियुक्त है। इनकी कुल सजा को जोड़ दंे तो यह सजा साढ़े चार साल की हो जा रही है।
इस संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के 5 माननीय न्यायाधीशों की संवैधानिक खंडपीठ का न्याय निर्णय निम्नवत है, के अनुसार श्री ढुल्लू महतो चुनाव लड़ने से अयोग्य है।
यह न्याय निर्णय के. प्रभाकरण बनाम पी. जयराजन के मुकदमा में हुआ और 2005(1) J.L.J.R. Page 186 (S.C.) में प्रकाशित है। इसके अनुसार ढुल्लु महतो की विधानसभा सदस्यता रद्द होनी चाहिए और इन्हें अगले 6 साल तक चुनाव लड़ने से अयोग्य करार देना चाहिए। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 13 फरवरी, 2023 को ढुल्लू महतो के विरूद्ध मुकदमा संख्या (ईसीआईआर)-9/23 दायर किया है। यह मुकदमा झारखण्ड उच्च न्यायालय के आदेशानुसार दायर हुआ है और ईडी ने शपथ पत्र देकर माननीय उच्च न्यायालय को बताया है कि ढुल्लू महतो के विरूद्ध जाँच के लिए मुकदमा दायर कर दिया गया है। ढुल्लु महतो स्वयं को ओबीसी श्रेणी का हितैषी बताते हैं। परन्तु अपने पूरे विधायक काल में इन्होंने जितने अत्याचार किये हैं वे सभी ओबीसी वर्ग के व्यक्तियों एवं परिवारों पर किया है, जिसमें से अशोक महतो का परिवार भी शामिल है। जिसने लम्बी लड़ाई लड़कर इनके जुल्म का प्रतिकार किया। इसके अतिरिक्त अपने स्वजातीय करीब आधा दर्जन परिवारों का पानी, बिजली इन्होंने कटवा दिया। यह सभी परिवार 17 दिनों तक धनबाद के सार्वजनिक स्थल पर धरना देकर बैठे रहे तब जाकर वर्तमान वरीय पुलिस अधीक्षक ने बीसीसीएल प्रबंधन से उनके घरों का पानी, बिजली कनेक्शन जुड़वाया।
इसके अतिरिक्त बीसीसीएल के बाघमारा क्षेत्र के एरिया संख्या 1 से 5 तक के सैकड़ों मजदूरों का शोषण ये प्रतिदिन करते हैं, जो पिछड़े एवं कमजोर वर्ग के है। वहां पर एक समूह बन गया है जो वहां से विभिन्न उपयोग के लिए बीसीसीएल के आदेश पर कोयला उठाने वालों से प्रति टन 1200 रूपये की वसूली करते हैं। यह वसूली पहले 200 रूपया प्रतिटन था, जो बढ़कर अब 1200 रूपया प्रतिटन पंहुच गया है, इसके विरूद्ध 2018 में कोकिंग कोल व्यवसासियों ने आंदोलन किया था। इसमें से मजदूरों को होनेवाले भुगतान उनके बैंक खाता में नहीं जाता है बल्कि इस समूह की जेब में जाता है। इस बारे में झारखण्ड विधानसभा के ध्यानाकर्षण समिति ने धनबाद के उपायुक्त और वरीय पुलिस अधीक्षक को दिनांक 05.02.2019 को विधानसभा में समिति की बैठक में बुलाया था और कारण जानना चाहा था कि 2 माह से बंद हार्ड कोक उद्योगों के यहां कोयला माफियाओं एवं रंगदारों द्वारा की जा रही वसूली तथा विभिन्न स्थानों के मजदूरों को मिलनेवाले मजदूरी में विसंगति के मामले में पूछताछ किया था। इस बैठक में श्रम विभाग के प्रधान सचिव तथा गृह विभाग के सचिव भी उपस्थित थे। इसके बाद 18.01.2019 को उपायुक्त धनबाद के जाँच प्रतिवेदन में कहा गया कि ‘‘असामाजिक तत्वों एवं बाहरी व्यक्तियों का हस्तक्षेप बाघमारा के बीसीसीएल क्षेत्र संख्या 1 से 5 पर कब्जा है। इस प्रतिवेदन के बिन्दु संख्या-3 में कहा गया है कि कोयला लोडिंग कार्याें में लगे मजदूरों को बैंक खाता से भुगतान की व्यवस्था की जाय, जिससे अनधिकृत व्यक्तियों की भूमिका समाप्त होगी। साथ ही वहां कार्यरत मजदूरों की सहकारी समितियाँ गठित की जानी चाहिए’’। परन्तु तत्कालीन सरकार पर दबाव डालकर इस निर्णय को क्रियान्वयन नहीं होने दिया गया, क्योंकि यह श्री ढुल्लू महतो का प्रभाव क्षेत्र है।यदि विधायक ढुल्लू महतो वास्तव में मजदूरों के हितैषी होते तो उनके हित के लिए जो अधिकांश पिछड़े वर्गों के स्थानीय लोग है, वे उपायुक्त धनबाद के प्रतिवेदन को क्रियान्वित कराकर मजदूरों और स्थानीय पिछड़े वर्गों का कल्याण करते। परन्तु उन्होंने तत्कालीन सरकार की मिलीभगत से यह नहीं होने दिया और बीसीसीएल के एरिया 1 से 5 के बीच आज भी रंगदारी और असामाजिक तत्वों का बोलबाला पहले की तरह है, जिन्हें इनका संरक्षण प्राप्त है। इसलिए इनका यह कहना कि इनका विरोध इसलिए हो रहा है कि वे ओबीसी एवं स्थानीय है, सरासर गलत है। इनका जुल्म अबतक ओबीसी और स्थानीय के उपर और पिछड़े वर्गों के उपर ही होता रहा है।
‘प्रिंस खान’ नामक एक अपराधी का एक ऑडियो वॉयरल हुआ, जिसमें वह मुझे और धनबाद के मेरे सहकर्मी कृष्णा अग्रवाल को धमकी दे रहा है। इसके दो दिन पूर्व भाजपा के घोषित लोकसभा उम्मीदवार श्री ढुल्ली महतो ने भी कृष्णा अग्रवाल को धमकाया, जिसका ऑडियो भी सोशल मिडिया पर वायरल हुआ है। इन दोनों ऑडियो की स्क्रिप्ट में समानता है केवल आवाज भिन्न है। पुलिस इसकी जाँच करे।
मुझसे और कृष्णा अग्रवाल से प्रिंस खान की नाराजगी स्वभाविक है, क्योंकि उसके रंगदारी और आपराधिक कार्यकलापों के खिलाफ मैंने झारखण्ड विधानसभा में गत 15 दिसम्बर, 2023 को एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया था। जिसका नतीजा हुआ कि झारखण्ड सरकार के गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रिंस खान को विदेश से वापस लाने के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय को लिखा है। साथ ही विभाग ने उसके दो सहयोगियों के पासपोर्ट रद्दीकरण हेतु क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी से अनुरोध किया है। परन्तु 3 माह बीत जाने के बाद भी अभी तक भारत सरकार ने इस पर कार्रवाई नहीं किया है। कृष्णा अग्रवाल भी प्रिंस खान द्वारा धनबाद के व्यवसायियों से रंगदारी वसूलने और रंगदारी नहीं देने वालों की हत्या के मामले पर अनशन किया था।