रांची उर्सलाईन कान्वेंट सभागार में रांची आर्चडायसिस काथलिक महिला संघ द्वारा एक दिवसीय कार्यक्रम भारतीय संविधान के मूल्यों को लेकर आयोजित की गई। जिसमें अधिवक्ता महेंद्र पीटर तिग्गा, प्रभाकर तिर्की एवं जनजातीय परामर्शदातृ परिषद टीएसी के पूर्व सदस्य रतन तिर्की ने संविधान एवं उसके मूल्यों की जानकारी दी।
कार्यक्रम की शुरुआत संविधान की प्रस्तावना का पाठ पढ़कर की गई। महिलाओं को संबोधित करते हुए अधिवक्ता महेंद्र पीटर तिग्गा ने कहा कि झारखंड अलग राज्य निर्माण और नवनिर्माण में आदिवासी एवं झाड़खंडी महिलाओं का भरपूर योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि आदिवासी महिलाओं झाड़खंड आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया तभी तो अलग राज्य आज हम सब मिलकर बना पाए। अधिवक्ता महेंद्र पीटर तिग्गा ने बतौर मुख्य वक्ता कहा कि देश का संविधान सर्वोपरि है और इसलिए महिलाओं को संविधान की मूल भावना को जानना समझना जरूरी है.उन्होने कहा कि झारखंड की महिलाओं को संविधान प्रदत्त संवैधानिक अधिकारों का अध्ययन करना चाहिए ताकि झाड़खंड की जल जंगल जमीन की रक्षा की जा सके। उन्होंने संविधान के प्रति जागरूक रहने का आह्वान किया।
आंदोलनकारी प्रभाकर तिर्की ने कहा कि राज्य में आदिवासी महिलाओं के योगदान को कभी भी नकारा नहीं जा सकता है। उन्होंने बताया कि झाड़खंड से रोज़ी रोजगार के जुगाड में मजदूरों का पलायन हुआ उसमें महिलाओं की संख्या भी काफी ज्यादा थी। प्रभाकर तिर्की ने महिलाओं से कहा कि हर घर में संविधान की बातें फिर से शुरू करके समाज समुदाय को जागरूक करने का काम किया जाना चाहिए। उन्होंने धर्म के साथ साथ आदिवासियत को बचाने का सुझाव भी दिया। प्रभाकर तिर्की ने कहा कि अब समय आ गया है कि महिलाएं झाड़खंड में संविधान की जानकारी घर घर तक पहुंचायें।
जनजातीय परामर्शदातृ परिषद टीएसी के पूर्व सदस्य रतन तिर्की ने अपने संबोधन में कहा कि संविधान ही राज्य को आगे ले जाने में सबसे उत्तम सहायक और साधक बन सकता है। वशर्ते संविधान प्रदत्त संवैधानिक अधिकारों की सही जानकारी हम समाज समुदाय को दे पाये। रतन तिर्की ने कहा कि झारखंड में हम सभों को मिलकर संघर्ष करते रहना होगा नहीं तो फासीवादी ताकतें संविधान को कुचल देंगे। उन्होंने कहा कि संविधान जागार जातरा यात्रा के तहत हम सब पुरे राज्य का दौरा कर रहे हैं और सभी वर्ग समुदाय को संविधान के प्रति जागरूक कर रहे हैं।
आर्चडायसिस काथलिक महिला संघ रांची द्वारा आयोजित इस संविधान जानकारी कार्यक्रम में कुल ३५ पारिश की सक्रिय महिलाओं ने भाग लिया। जिसमें मांडर मुरहू कुड़ू इटकी पतराचौली, कांके लालपुर सामलोंग, लोधमा राजाउलातू नामकोम सापारोम, कर्रा , गुमला,बनहौरा हेसाग, सिंगपुर,नवाटांड़,हुलहुंडू , डोरंडा इंदीपीड़ी आदि जगहों से सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम में महिला संघ की अध्यक्ष मार्था टोप्पो, सचिव फ्रांसिसका खालखो और कोषाध्यक्ष श्रद्धा बारला एवं अन्य गणमान्य महिलाएं उपस्थित थीं।