रांची /नई दिल्ली: झारखण्ड प्रकृति के गर्भ में बसा और अपनी आदिवासी संस्कृति के लिए पहचाना जाने वाला प्रदेश है| यहाँ का सामाजिक परिवेश रहन-सहन, लोक संस्कृति अतुलनीय है| दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में झारखण्ड पवेलियन ने झारखण्ड राज्य दिवस का आयोजन किया गया जिसमें, झारखण्ड की लोक संस्कृति को प्रदर्शित किया गया। झारखण्ड के राज्य दिवस के अवसर पर प्रदेश के मंत्री पेयजल एवं स्वच्छता विभाग मिथिलेश कुमार ठाकुर, सूडा के सी ई ओ अमित कुमार, उद्योग विभाग के सचिव जितेन्द्र कुमार सिंह, निदेशक उद्योग भोर सिंह यादव मौजूद रहे।
मंत्री द्वारा झारखण्ड पवेलियन में भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धा सुमन अर्पित कर दीप प्रज्वल्लित किया। तदोपरांत पवेलियन की सभी स्टॉलों का अवलोकन किया। उन्होंने पवेलियन में लगे स्टालों में उनके हुनर एवं कार्य प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि ट्रेड फेयर राज्य में होने वाले विकास को प्रदर्शित करने का अच्छा मंच है। उन्होंने कहा कि झारखण्ड राज्य भी इस फेयर में अपने विकास को प्रदर्शित कर रहा है। झारखंड सरकार अब सभी रूप से सक्षम है। झारखण्ड प्रदेश अपनी खनिज सम्पदा और कला संस्कृति के लिए अलग पहचान रखता है। प्रदेश को अपने विकास के लिए सभी वर्ग के लोगों को एक साथ मिला कर चलना होगा। हम आशा करते हैं कि आने वाले वर्षों में राज्य कई चीजों में इतिहास लिखेगा।
झारखण्ड राज्य दिवस में एम्फी थियेटर में झारखण्ड के पद्मश्री शशिधर आचार्य का छाऊ नृत्य, सुदामा सिंह और टीम का नागपुरी नृत्य, श्री विनोद कुमार महतो का खोरटा फोक, कृष्ण भगत और टीम का उरांव कुदुख सॉन्ग और अशोक कच्छप का पाइका डांस ने लोगों को मंत्रमुग्ध किया।